शिवमोगा : कर्नाटक के सकरेबाइल हाथी शिविर में कुल 22 हाथी हैं. इनके रखरखाव के लिए सालाना लगभग 48 लाख से 50 लाख रुपये की आवश्यकता होती है. दो साल पहले पर्यटकों से सालाना 80-90 लाख रुपये की आमदनी होती थी. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के बाद पर्यटक नहीं आ रहे हैं जिसकी वजह से आमदनी कम हो गई है.
पिछले साल सिर्फ 28 लाख रुपए ही जमा हो पाए थे. इस पृष्ठभूमि ने हाथियों के प्रबंधन के लिए वित्तीय कठिनाइयां सामने आ रही हैं. इसके साथ ही इस साल सरकार ने पर्यटकों के लिए कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है. इसलिए भी पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है. अब तक पर्यटकों से मात्र तीन से चार लाख रुपये की वसूली हो पाई है.