लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) तथा उनके बेटे एवं पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav) के खिलाफ आय के अधिक संपंत्ति का मामला दायर कराने वाले याचिकाकर्ता ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस मामले के प्रमुख अभियुक्तों को जेल भेजने के बजाय उनके करीबियों के ठिकानों पर छापे डलवा रही है.
उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी (Advocate Vishwanath Chaturvedi) ने संवाददाता-सम्मेलन में आरोप लगाया, 'मुलायम सिंह यादव व उनके परिवार के खिलाफ दायर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (CBI) ने न्यायालय को गुमराह किया है.' चतुर्वेदी (Advocate Vishwanath Chaturvedi) ने कहा कि सीबीआई (CBI) कह रही है कि उसने 2013 में यह मामला बंद कर दिया, लेकिन अगर ऐसा है तो उसकी कोई रिपोर्ट तो होगी और वह रिपोर्ट याचिकाकर्ता को मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध नहीं कराई है.
चतुर्वेदी के मुताबिक सीबीआई ने अप्रैल 2019 में उच्चतम न्यायालय से कहा था कि उसने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिक जांच 2013 में बंद कर दी थी.