नई दिल्ली : 2022 के विधानसभा में हार के बाद पंजाब कांग्रेस में कलह शुरू हो गई है. कांग्रेस के नेता सुनील जाखड़ ने खुले तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी की पैरवी करने वाली नेता अंबिका सोनी को निशाना बनाया है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने केंद्रीय नेताओं के सामने चन्नी को धरोहर के तौर पर पेश किया था, वह अब पार्टी के लिए भार बन गए. चन्नी उनके लिए व्यक्तिगत खजाना हो सकते हैं, पार्टी के लिए नहीं. उन्होंने तंज कसते हुए ट्वीट किया कि शुक्र है कि चरणजीत सिंह चन्नी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित नहीं किया गया है.
सुनील जाखड़ ने कहा कि सीडब्ल्यूसी के दिनों में जिस तरह की चाटुकारिता दिखाई गई, उसे देखकर निराशा हुई. रिपोर्ट से पता चलता है कि कुछ नेता जो 30 साल तक राज्यसभा सांसद रहे हैं, कांग्रेस वर्किंग कमिटी में पंजाब की आवाज होने का दावा कर रहे हैं और पार्टी आलाकमान को धोखा दे रहे हैं. अगले 5 साल पंजाब और पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे. अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद अंबिका सोनी ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने की वकालत की थी और लगातार राज्यसभा सांसद रही हैं.