नई दिल्ली : भारत ने कनाडा को करारा जवाब देते हुए उसके 41 राजनयिकों को नई दिल्ली से रवाना कर दिया. इस पर कनाडा बौखला गया है. कनाडा ने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कनाडा अनर्गल प्रलाप कर रहा है.
भारत ने कहा कि हम समानता के सिद्धान्त पर काम करते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम इसका अक्षरक्षतः पालन करते हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने जो भी कुछ किया है, वह अंतरराष्ट्रीय मानदंड के अनुरूप है. भारतीय अधिकारी ने बताया कि कनाडा अनावश्यक रूप से कोई कुप्रचार न करे. भारत ने साफ कर दिया है कि कनाडा के राजनयिकों की संख्या ज्यादा थी, इसलिए भारत ने यह कदम उठाया है.
भारतीय अधिकारी ने बताया कि कनाडा के राजनयिकों की संख्या न सिर्फ आनुपातिक स्तर पर ज्यादा थी, बल्कि वे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप भी कर रहे थे. भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि हमें कनाडा की प्रतिक्रिया पर निराशा हुई है, वह इस तरह से तथ्यों को पेश कर रहे हैं, मानो कनाडा विक्टिम हो.
अधिकारी ने कहा कि भारत ने जो भी कुछ किया है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिन नियमों का पालन किया जाता है, उनका ही हमने पालन किया है. कनाडा ने वियाना कॉन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप लगाया है, लेकिन हम कहना चाहेंगे कि वे उसे ठीक से पढ़ें.
भारत ने कहा कि वियाना कॉन्वेंशन के आर्टिकल 11.1 में साफ तौर पर समानता का नियम लिखा हुआ है. इसमें बताया गया है कि दूतावास या मिशन में कितने कर्मचारी और राजनयिक होंगे. अगर इस पर कोई आपसी समझौता नहीं हुआ हो, तो समानता के सिद्धान्त का पालन किया जाएगा.
भारत ने कहा कि कनाडा में हमारे 21 राजनयिकों को काम करने की इजाजत दी गई है, जबकि भारत में कनाडा के 62 राजनयिक काम कर रहे थे. भारत ने साफ कर दिया था कि अगर इन राजनयिकों को नहीं हटाया जाएगा, तो उन्हें जितनी राजनयिक छूट मिली हुई है, उसे वापस ले लिया जाएगा.
इस पर कनाडा के एक पूर्व मंत्री ने कहा कि पिछले 50 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी भी एक देश के इतने राजनयिकों को निकाल-बाहर किया जाए. आपको बता दें कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या कर दी गई थी. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आतंकी की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था. इतना ही नहीं, ट्रूडो ने कनाडा की संसद में इन आरोपों को दोहराया भी.