रायपुर: Devraj Patel Memories महज 22 साल की उम्र में सोशल मीडिया स्टार देवराज पटेल ने दुनिया को अलविदा कह दिया. सड़क हादसे में उनकी जान चली गई. रायपुर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करने के बाद उनके शव को उनके गृह ग्राम महासमुंद के दाबपाली ले जाया गया. यहां उनका अंतिम संस्कार हुआ. देवराज पटेल हमारे बीच तो नहीं रहे. लेकिन आज भी देवराज पटेल अपने आर्ट, सोशल मीडिया स्किल और यूट्य़ूब पर बनाए अपने वीडियो की बदौलत हमारे दिलों में बसे हुए हैं.ऐसे में उनके दोस्त अंकित दुबे ने ईटीवी को देवराज पटेल के सेलिब्रिटी बनने की कहानी बताई.
सवाल: देवराज आज हमारे बीच नहीं हैं. आपने उनके साथ लंबा समय बिताया. आपक उनके बारे में क्या जानते हैं ?
जवाब: देवराज पटेल बहुत प्यारा बच्चा था, इतना बड़ा सेलिब्रिटी होने के बाद भी उसमें घमंड नहीं था. उसके साथ कई यादें जुड़ी हुई है. आज मैं जो भी हूं. देवराज के कारण ही हूं. बात उन दिनों की है. जब मैं देवराज से मिलने मैं उनके गांव गया था. शुरुआती दिनों में उन्हें इंस्टाग्राम यूट्यूब पर आईडी बनाकर वीडियो अपलोड करने का आइडिया नहीं था. जब मैं पहली बार मिला था. तो मिलते ही देवराज में बहुत पोटेंशियल देखने को मिला. हमने साथ मिलकर आईडी बनाई. हमने साथ में काम शुरू किया . हम उसे कंटेंट लिखकर देते थे. वो बोलता था. ऐसे काम बढ़ता गया. फिर मैंने उसे रायपुर बुला लिया और हम साथ रहकर काम करते रहे . साथ रहने से हमने बहुत सारे कंटेट जेनरेट किए और लगातार हम आगे बढ़ते गए.जीरो से लेकर 4.50 लाख फॉलोवर्स तक पहुचे .मुंबई जाकर ढिंढोरा वेब सीरीज में काम किया .कई उतार चढ़ाव आए. एक छोटे से गांव से आने वाले देवराज ने एक बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया. उनकी पर्सनालिटी में बदलाव आया और वह चीजें नजर भी आती थी कि, देवराज स्टार बन चुका है.
सवाल: हादसे वाले दिन, रूम से निकलने के पहले देवराज पटेल ने आपसे क्या बात की थी?
जवाब: हम पिछले कई दिनों से साथ रह रहे थे, सोमवार को मैं आफिस जा रहा था. देवराज से मैं बोलकर निकला था दीदी आने वाली है. रूम साफ करवा देना. दोपहर को खाने में मिलते हैं. ये बोलकर मैं घर से चला गया था. दोपहर में जब मैं आया तो देवराज घर में नही था. वह दोपहर में अक्सर शूट पर जाता था. लेकिन वह दोबारा वापस नहीं लौटा. उसके बाद मुझे फोन आया कि देवराज का एक्सीडेंट हो गया है .