भोपाल :पूर्व मुख्यमंत्री औरवरिष्ठ कांग्रेस नेतादिग्विजय सिंह (digvijaya singh) ने कहा है कि, मैंने कभी नहीं कहा हिंदू आतंकवाद या भगवा आतंकवाद - मैंने संघी आतकंवाद की बात कही थी. कट्टरपंथी विचारधारा का हमेशा विरोधी रहा और रहूंगा. उन्होंने पूर्व सीएम उमा भारती के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि वे कांग्रेस में शामिल होना चाहती थीं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि धर्म को राजनीति से जोड़ना गलत है. इसके अलावा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कई अहम बातें कहीं.
संघ का कुर्सी से ही लेना देना है
हाल ही में आरएसएस को 'दीमक' बताने वाले अपने बयान पर सफाई देते हुए सिंह ने कहा कि RSS सनातन धर्म के खिलाफ है, उसे दीमक की संज्ञा देने पर उन्होंने कहा कि दीमक संगठित होता है. इसी तरह RSS सबसे संगठित संगठन है. दिग्विजय ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयानों को अंतर विरोधी बताते हुए कहा कि आरएसएस का कुर्सी से ही लेना देना है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह को देशद्रोही भी कहा था. सीएम के बयान पर उन्हें चुनौती देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि मैं देशद्रोही हूं तो सरकार मुझपर मुकदमा चलाए.
वर्ग विशेष को जानबूझकर विलेन बनाया जा रहा है
दिग्विजय सिंह ने अपने हिंदू विरोधी बयानों पर भी सफाई दी. उन्होंने कहा कि मैं ना हिंदू विरोधी था और ना ही कभी रहूंगा. सिंह ने कहा कि सभी धर्म का मूल आधार इंसानियत है. मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए हिंदू कट्टरपंथी और मुस्लिम कट्टरपंथी दोनों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन आज एक वर्ग को विलेन बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि धर्म का उपयोग कभी वोटों की राजनीति में नहीं करना चाहिए. दिग्विजय ने साफ किया कि वे कट्टरपंथी विचारधारा के खिलाफ थे और आगे भी रहेंगे.