नई दिल्ली : मानसून सत्र के दौरान संसद द्वारा पारित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को आज राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस सप्ताह संसद द्वारा पारित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी. वैष्णव ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) और स्वदेशी ऐप कू पर लिखा, 'डीपीडीपी विधेयक अब अधिनियम बन गया है. माननीय राष्ट्रपति की मंजूरी मिली.'
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) कानून के तहत भारतीय नागरिकों के व्यक्तिगत डिजिटल डेटा का दुरपयोग या उसकी रक्षा नहीं कर पाने पर जिम्मेदार इकाई पर 250 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव है. उपयोगकर्ताओं के डेटा का इस्तेमाल कर रहीं कंपनियों को उसके व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा करनी होगी और व्यक्तिगत डेटा के उल्लंघन के मामले की सूचना डेटा संरक्षण बोर्ड (डीपीबी) और उपयोगकर्ता को देनी होगी.
नौ अगस्त को लोकसभा में 'डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023' को मंजूरी दी गई थी, जिसमें डिजिटल व्यक्तिगत डाटा के संरक्षण तथा व्यक्तिगत डाटा का संवर्द्धन करने वाले निकायों पर साधारण और कुछ मामलों में विशेष बाध्यता लागू करने का उपबंध किया गया है. संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह विधेयक देश के 140 करोड़ लोगों के डिजिटल वैयक्तिक डाटा की सुरक्षा से संबंधित है. उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में डिजिटल इंडिया की चर्चा चल रही है और दुनिया के कई देश इसे अपनाना चाहते हैं, चाहे डिजिटल भुगतान प्रणाली हो, आधार की व्यवस्था हो या डिजिटल लॉकर हो. वैष्णव ने कहा कि 90 करोड़ भारतीय इंटरनेट से जुड़ गए हैं और 4जी, 5जी और भारतनेट के माध्यम से छोटे-छोटे गांव तक डिजिटल सुविधा पहुंच गई है.
विधेयक का उल्लेख करते हुए वैष्णव ने कहा कि पिछले कई वर्षों में संसद की स्थायी समिति सहित अनेक मंचों पर कई घंटों तक इस पर चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि 48 संगठनों तथा 39 विभागों/मंत्रालयों ने इस पर चर्चा की और इनसे 24 हजार सुझाव/विचार प्राप्त हुए. उन्होंने कहा कि इस विधेयक की भाषा को काफी सरल रखा गया है ताकि आम लोग भी इसे आसानी से समझ सकें. विधेयक के सिद्धांतों के संबंध में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का डाटा, किसी प्लेटफार्म या ऐप पर आने वाला डाटा अब कानून के तहत आयेगा. इसमें कहा गया है कि इस डाटा को जिस उद्देश्य के लिए लिया जाए, उसी उद्देश्य से उपयोग किया जाए.