नई दिल्ली :भारत में कोविड-19 महामारी (Covid19 pandemic) की संभावित तीसरी लहर पर मतभेद के बीच विशेषज्ञों के एक समूह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें निकट भविष्य में महामारी के किसी भी संभावित स्पाइक से निपटने के उपायों पर प्रकाश डाला गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (Association of Health Care Providers) के विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा तैयार की गई है.
एक विशेष साक्षात्कार में ईटीवी भारत से बात करते हुए, एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के महानिदेशक डॉ गिरिधर ज्ञानी (Dr Giridhar Gyani) ने कहा कि तीसरी लहर अक्टूबर के आसपास होने की उम्मीद है, लेकिन विशेषज्ञ इस पर विभाजित हैं.
डॉ ज्ञानी ने कहा, 'कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर इस कारण नहीं आ सकती है कि सीरो सर्वेक्षण रिपोर्ट (sero survey report ) के मुताबिक 67 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अभी भी 18 वर्ष से कम उम्र के को टीका नहीं लगाया गया है.
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ पैनल (expert panel) ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट पीएमओ को सौंप दी है, जिसमें सह-रुग्णता (co-morbidoties) वाले बच्चों के टीकाकरण पर जोर दिया गया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तीसरी लहर अपने चरम पर अक्टूबर के मध्य में पहुंचेगी.