नई दिल्ली:लोकतंत्र में मतभेद होना स्वाभाविक है, इस बात पर प्रकाश डालते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि इन मतभेदों को बातचीत और चर्चा के जरिए सुलझाया जाना चाहिए.
बिरला ने कहा कि 'किसी भी मुद्दे पर विरोध दर्ज कराने के लिए सदन की कार्यवाही बाधित करने का प्रयास नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे जनता में यह गलत संदेश जाता है कि जनप्रतिनिधि लोगों की चिंताओं को दूर करने के बजाय सदन का कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं.'
संसद परिसर में मेघालय विधानसभा के सदस्यों के लिए एक उन्मुखीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बिरला ने कहा, सदन में सहमति, असहमति होनी चाहिए, लेकिन कोई अशांति और शोर नहीं होना चाहिए.
बिरला ने कहा कि मेघालय विधानसभा की गिनती देश की सबसे अनुशासित विधानसभाओं में होती है जहां सार्थक बहस के जरिए सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखा जाता है. उन्होंने सदन की कार्यवाही को सुनियोजित तरीके से बाधित करने को अनुचित बताते हुए जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे सदन में इस तरह से आचरण करें कि देश में यह संदेश जाए कि देश के सामने गंभीर मुद्दे हैं, सदन में प्रतिबद्धता और चिंता के साथ चर्चा की गई.