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22 साल से नहीं नहाया है 62 साल का यह बुजुर्ग, तंदुरुस्त देख लोग भी हैं हैरान - बिहार न्यूज़

आप कितना दिन बिना नहाए रह सकते हैं. 1 दिन, 2 दिन, 10 या पूरे महीने. पर अगर आपसे कहा जाए कि 22 वर्षों से एक शख्स नहीं नहाया है तो आप क्या कहेंगे. शायद यकीन नहीं करेंगे. पर ये 100 प्रतिशत सच है. पत्नी मरी नहीं नहाया, बेटा मरा फिर भी नहीं नहाया. अपनी प्रतिज्ञा पर अडिग है. पढ़ें पूरी खबर...

22 सालों से नहीं नहाया है बिहार का यह शख्स
22 सालों से नहीं नहाया है बिहार का यह शख्स

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Published : Jul 27, 2022, 9:43 AM IST

Updated : Jul 27, 2022, 1:20 PM IST

गोपालगंज :कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति मन में कुछ ठान ले तो उसे पूरा करने के लिए वह हर असंभव कार्य को संभव करने की पूरी कोशिश करता है. कुछ ऐसी ही कहानी मांझा प्रखंड के वैकुंठपुर गांव के रहने वाले 62 वर्षीय व्यक्ति धर्म देव राम (Dharm Dev Ram) की है. जो पिछले 22 वर्षों से बिना नहाए जीवन गुजार रहा (Not Bathed For 22 Years In Gopalganj) है. जिससे उसकी चर्चा आसपास के इलाकों में खूब होती है. स्नान नहीं करने के पीछे वृद्ध के तीन प्रतिज्ञा भी हैं. जिसे खत्म करने के लिए वह लगातार ईश्वर की भक्ति में लीन रहता है. जो तीन प्रतिज्ञा उसने ली है, उसमें महिलाओं के साथ अत्याचार, जमीन विवाद और जीव हत्या शामिल हैं. इस वृद्ध व्यक्ति को विश्वास है कि ईश्वर के भक्ति करने से उसकी यह प्रतिज्ञा जरूर पूरी होगी.

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पत्नी और बेटे की मौत के बाद भी नहीं नहाया : 40 वर्ष की उम्र से धर्मदेव ने नहाना बंद कर दिया. पिछले 22 वर्षों से बिना स्नान किये ही जीवन गुजार रहा है. इसके प्रतिज्ञा का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. अगर घर में किसी की मौत भी हो जाये तो यह स्नान नहीं करता. पत्नी और बेटे की मौत भी हो गयी, फिर भी यह नहीं नहाया. हैरानी की बात तो यह है कि इस व्यक्ति को ना ही अभी तक कोई बीमारी हुई और ना ही शरीर पर कोई मैल जमा हुआ है.

बंगाल के जुट मिल में करता था काम : ईटीवी भारत से बात करते हुए धर्मदेव ने कहा कि वर्ष 1975 से बंगाल के जगदल में जुट फैक्टी में नौकरी की, 1978 में शादी हुई. इस दौरान परिवार का भरण पोषण किया. वर्ष 1987 में अचानक उसे ऐसा आभास हुआ कि जमीन विवाद, जीव हत्या और महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ने लगे हैं. इस बीच एक गुरु के शरण में गया. गुरु ने 6 माह के बाद उसे अपना शिष्य बनाया और उसने भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी. जिसके बाद वह भक्ति के मार्ग पर चलने लगा और भगवान राम को अपना आदर्श मान कर उनका ध्यान करने लगा.

वर्ष 2000 में धर्मदेव फैक्ट्री से रिजाइन कर दिया और अपने घर आ गया. लेकिन परिवार के दबाव में वह फिर फैक्ट्री में काम करने चला गया. वहीं पर उसने स्नान नहीं करने की और भोजन नहीं करने की ठान ली. जब इसकी जानकारी फैक्ट्री के प्रबंधक को हुई तब उसने उसे निकाल दिया और वह पुनः अपने घर चला आया. इसी बीच उसकी पत्नी माया देवी का वर्ष 2003 में देहांत हो गया तब भी वह नहीं नहाया. तीन बेटा में एक बेटे की मौत हो गई, उस वक्त भी नहीं नहाया. इसके बाद पिछले 7 जुलाई को एक और बेटे की मौत हुई फिर भी नहीं नहाया.

''जब तक महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार, जमीन विवाद और जीव हत्या जैसे काम खत्म नहीं होंगे तब तक नहीं नहाऊंगा. ईश्वर की भक्ति में लीन होकर ही यह तीनों प्रतिज्ञाएं पूरी हो सकती हैं और मुझे विश्वास है कि एक न एक दिन यह प्रतिज्ञा जरूर पूरी होगी. ईश्वर की भक्ति से सब सम्भव है.''- धर्म देव राम, प्रतिज्ञा लेने वाला बुजुर्ग

स्थानीय लोगों ने भी धर्म देव की बात पर लगायी मुहर : वहीं स्थानीय लोगो ने भी धर्म देव की कहना पर मुहर लगायी. हमने दो-दो स्थानीय युवको से इस बारे में बात की. उन्होंने कहा कि यह बात सत्य है. धर्म देव राम 22 वर्षों से नहीं नहाए हैं. पत्नी और बेटे की मौत के बाद भी इन्होंने स्नान नहीं किया.

Last Updated : Jul 27, 2022, 1:20 PM IST

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