धनबाद :झारखंड के धनबाद में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में धनबाद पुलिस ने 243 लोगों को हिरासत में लिया. वहीं, 17 अन्य को गिरफ्तार किया और दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
झारखंड के धनबाद (Dhanbad of Jharkhand) में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद (Additional District Judge Uttam Anand) की मौत के मामले में दोषी को पकड़ने के लिए पुलिस ने बड़ा अभियान चलाया. इस अभियान के दौरान पुलिस ने 243 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
वहीं, न्यायाधीश को टक्कर मारने वाले ऑटो की चोरी की प्राथमीकि दर्ज करने में देरी के लिए पाथरडीह थाने के प्रभारी उमेश मांझी को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने पर प्रशिक्षु दरोगा आदर्श कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस अभियान के दौरान अलग-अलग घटनाओं में 17 गिरफ्तारियां भी की है. वहीं, 53 होटलों की जांच की गई.
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एसएसपी ने कहा कि हमने बिना किसी वैध दस्तावेज के लगभग 250 ऑटोरिक्शा जब्त किए और मामले की जांच जारी रखी गई है.
बता दें कि जस्टिस आनंद 28 जुलाई को सुबह सैर पर निकले थे और रास्ते में उन्हें एक ऑटो रिक्शे ने पीछे से टक्कर मार दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी थी. झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक ने तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था जिसे उच्च न्यायालय की निगरानी में मामले की जांच करनी है.
पुलिस ने बताया था कि ऑटो चालक लखन कुमार वर्मा धनबाद के सुनार पट्टी का रहने वाला है जबकि दूसरा आरोपित राहुल वर्मा भी स्थानीय निवासी है और लखन कुमार वर्मा ने स्वीकार किया है कि घटना के वक्त ऑटो वही चला रहा था. उसकी गिरफ्तारी गिरिडीह से हुई जबकि दूसरे आरोपित राहुल वर्मा की गिरफ्तारी धनबाद स्टेशन से हुई.
इस बीच शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा कर दी जिसका दिवंगत न्यायाधीश के परिजनों ने स्वागत किया है.