Encounter With Naxalites In Dhamtari: धमतरी में कारीपानी के जंगल में डीआरजी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, एक नक्सली ढेर
Encounter With Naxalites In Dhamtari धमतरी में नक्सल मोर्चे पर पुलिस का बड़ी सफलता मिली है. रविवार को बोराई थाना क्षेत्र में नक्सलियों से साथ हुए मुठभेड़ में डीआरजी जवानों ने एक नक्सली को मार गिराया है. उसके पास से नक्सली साहित्य के साथ ही वर्दी और कई सामान बरामद किया है.
कारीपानी के जंगल में डीआरजी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़
धमतरी: डीआरजी धमतरी और डीआरजी गरियाबंद के संयुक्त ऑपरेशन टीम का सामना रविवार को उस वक्त नक्सलियों से हो गया, जब टीम सर्चिंग के लिए निकली थी. बोराई थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांव कारीपानी के जंगल में हुई इस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया. डीआरजी टीम ने घटनास्थल से नक्सली का शव और हथियार बरामद किया है. घटना के बाद से इलाके में डीआरजी टीम ने सर्चिंग तेज कर दी है. पुलिस जल्द ही मामले में बड़ा खुलासा कर सकती है.
मारे गए नक्सली के पास से बरामद सामान
मारे गए नक्सली की नहीं हो पाई पहचान:कारीपानी के जंगल में सामना होने पर नक्सलियों ने डीआरजी टीम पर हमला बोल दिया. जवाबी कार्रवाई करने में डीआरजी ने भी पल भर की देर नहीं की. ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद नक्सली जंगल में भाग निकले. डीआरजी की जवाबी कार्रवाई में एक नक्सली मारा गया है, जिसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है. पुलिस मारे गए नक्सली के शव को जिला अस्पताल भेज दिया है.
डीआरजी धमतरी और डीआरजी गरियाबंद की संयुक्त टीम कल देर शाम से क्षेत्र में सर्चिंग के लिए निकली थी. इसी बीच रविवार सुबह धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र गांव कारीपानी के जंगल में डीआरजी पुलिस और नक्सलियों का आमना सामना हो गया. दोनों ओर से जबरदस्त फायरिंग हुई, जिसमें एक नक्सली मारा गया है. जवान अभी भी इलाके में सर्चिंग कर रहे हैं. -प्रशांत ठाकुर, एसपी धमतरी
नक्सल काॅरिडोर है बोराई का यह क्षेत्र, लगातार चल रही सर्चिंग:धमतरी के साथ ही पड़ोसी जिला कांकेर, गरियाबंद और ओडिशा सीमा पर नक्सली कमांडर सत्यम गावड़े एक्टिव है. ओडिशा और आंध्र प्रदेश आने जाने के लिए धमतरी का बोराई क्षेत्र का इस्तेमाल नक्सली काॅरिडोर की तरह करते हैं. इस क्षेत्र में गोबरा दलम, सीता नदी दलम के साथ ही मैनपुर एरिया कमेटी एक्टिव है. सूत्रों के मुताबिक अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित गांवों में नक्सली बैठक लेते हैं और गांववालों को बहला फुसलाकर अपने संगठन से जोड़ते हैं. इसलिए इन इलाकों में सीआरपीएफ कमांडर ने खुद मोर्चा संभाल रखा है. इन इलाकों में लगातार डीआरजी टीम सर्चिंग करती है.