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उत्तराखंड में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड, ड्राफ्ट बनाने के लिए जल्द बनेगी कमेटी - Dhami Cabinet Decision

उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने का निर्णय लिया है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया है. इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी जल्द से जल्द गठित की जाएगी. समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा.

Uniform Civil Code
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Published : Mar 24, 2022, 7:19 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड के राज्यसचिवालय में धामी सरकार 2.0 की पहली बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी क्रम में हमारी सरकार एक कमेटी का गठन करेगी, जो प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी. 24 मार्च को हुई कैबिनेट की बैठक में तय किया गया कि प्रदेश सरकार इस कानून को लागू करने के लिए एक कमेटी बनाएगी.

उत्तराखंड के सीएम ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार के फैसले की जानकारी दी.

समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) एक ऐसा मुद्दा है, जो हमेशा से बीजेपी के एजेंडे में रहा है. 1989 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता का मुद्दा शामिल किया. 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी बीजेपी ने समान नागरिक संहिता को शामिल किया था. बीजेपी का मानना है कि जब तक समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता, तब तक लैंगिक समानता नहीं आ सकती.

क्या है समान नागरिक संहिता: यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून. चाहे व्‍यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो. समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक कानून लागू होगा.

इस कानून पर निरंतर चल रही है बहस: अभी देश मुस्लिम, इसाई, और पारसी का पर्सनल ला लागू है. हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख और जैन आते हैं, जबकि संविधान में समान नागरिक संहिता अनुच्छेद 44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी बताया गया है. ये आज तक देश में लागू नहीं हुआ है. इस कानून पर निरंतर बहस चल रही है.

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