मुंबई : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार को पायलट प्रशिक्षण संस्थान रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग एकेडमी के सभी केंद्रों का परिचालन निलंबित कर दिया. दरअसल, पिछले एक सप्ताह में संस्थान के दो विमान हादसों के बाद सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए डीजीसीए ने ये फैसला किया. बता दें कि इस संस्थान के देशभर में पांच ट्रेनिंग सेंटर हैं और ये दो विमान हादसे 19 अक्टूबर और 22 अक्टूबर को हुई थी. यह जानकारी डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी.
डीजीसीए ने एक बयान में कहा, "इंस्टीट्यूट की महाराष्ट्र स्थित बारामती यूनिट में हुए हादसों में रखरखाव और परिचालन संबंधी खामियां पायी गईं. वहीं, परिचालन बहाल करने की अनुमति देने से पहले डीजीसीए रेडबर्ड के प्रशिक्षक/परीक्षकों के लिए विशेष रखरखाव ऑडिट और दक्षता जांच भी कर रहा है." अधिकारी ने बताया कि एक हादसे में तो चालक दल के सदस्य को चोट भी आई है. डीजीसीए ने तदनुसार, देश में अपने सभी अड्डों पर रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी के संचालन को निलंबित कर दिया है." गौरतलब है कि रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी के प्रशिक्षण केंद्र पूरे देश में फैले हुए हैं. इस संस्थान के सेंटर महाराष्ट्र के बारामती, असम के लखीमपुर स्थित लीलाबाड़ी, कर्नाटक के गुलबर्गा व बेलगाम और मध्य प्रदेश के सिवनी में हैं. रेडबर्ड के पास 30 विमान हैं. इनमें एक और दो इंजन वाले, दोनों विमान हैं.
बता दें कि दोनों हादसे 19 और 22 अक्टूबर को हुए थे. 19 अक्टूबर को, VT-RBC पंजीकरण के साथ Tecnam P2008JC सिंगल-इंजन विमान ने बारामती में रनवे 11 से उड़ान भरी थी, जिसमें एकमात्र यात्री, जो मुख्य उड़ान प्रशिक्षक (सीएफआई) था, सवार था. लगभग 100 फीट की ऊंचाई पर विमान के पहुंचने के तुरंत बाद, पायलट को इंजन से संबंधित समस्या का सामना करना पड़ा. जिसके बाद पायलट ने एयरपोर्ट की उत्तरी परिधि के ठीक बाहर क्रैश लैंडिंग का फैसला किया.
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22 अक्टूबर को VT-RBT के रूप में पंजीकृत Tecnam P2008JC सिंगल-इंजन विमान से जुड़ी एक और घटना घटी. इस विमान में दो लोग सवार थे, जिनमें एक प्रशिक्षक और एक प्रशिक्षु शामिल थे. बारामती में एक सामान्य उड़ान प्रशिक्षण उड़ान का संचालन के दौरान 2500 फीट की निर्धारित ऊंचाई पर विमान जाने के बाद उसमें तकनीकी खराबी देखी गई. उड़ान के दौरान इस समस्या के बाद प्रशिक्षक ने तुरंत प्रशिक्षण उड़ान के क्रैश लैंडिंग का फैसला किया और हवाई अड्डे से लगभग दो समुद्री मील की दूरी पर स्थित एक क्षेत्र में जबरन लैंडिंग शुरू की. हालांकि, इसमें सवार किसी भी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई, लेकिन इसने सुरक्षा की नजर से विमानन हलकों में चिंता पैदा कर दी. यह पहली बार नहीं है कि विमानन निगरानी संस्था ने ऐसा निर्णय लिया है.