बेंगलुरु: बेंगलुरु से दिल्ली सेक्टर पर गो फर्स्ट फ्लाइट जी8-116 बीती 9 जनवरी को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पैक्स कोच में 55 यात्रियों को छोड़कर जा रही थी. इस मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने गो फर्स्ट एयरलाइन के जवाबदेह प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें डीजीसीए ने पूछा था कि उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई क्यों न की जाए.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने बताया कि गो फर्स्ट ने 25 जनवरी को कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया और उसकी जांच की गई. गो फर्स्ट द्वारा दिए गए जवाब से पता चलता है कि विमान में यात्रियों के बोर्डिंग के संबंध में टर्मिनल समन्वयक (टीसी), वाणिज्यिक कर्मचारियों और चालक दल के बीच अनुचित संचार, समन्वय था.
डीजीसीए का कहना है कि कि एयरलाइन ग्राउंड हैंडलिंग, लोड और ट्रिम शीट तैयार करने, फ्लाइट डिस्पैच और पैसेंजर/कार्गो हैंडलिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने में विफल रही और इसलिए एयरलाइन कंपनी पर 10 लाख रुपये के जुर्माने के रूप में प्रवर्तन कार्रवाई लगाई गई है.
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बता दें कि बेंगलुरु हवाईअड्डे पर यात्रियों को लिए बिना ही उड़ान भरने के मामले में गो फर्स्ट ने यात्रियों से माफी भी मांगी थी. गो फर्स्ट ने कहा था कि उड़ान से पहले यात्रियों की जांच के दौरान लापरवाही के कारण ही यह घटना हुई थी. एयरलाइन कंपनी ने इस मामले की जांच के आदेश देते हुए घटना से जुड़े सभी कर्मचारियों कार्यक्रम सारिणी (रोस्टर) से हटा दिया था. इससे पहले नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) भी कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था.