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Dewas Youth Initiation अमेरिका का डेटा सांइटिस्ट बना जैन मुनि, सवा करोड़ का पैकेज छोड़ देवास के प्रांशुक ने ली दीक्षा

लोग पढ़-लिखकर और मेहनत करके ऊंची पोस्ट पर पहुंचता है, जिससे वह पैसे कमाकर एक अच्छी जिंदगी जी सके. वहीं देवास के एक युवक ने यह सब मोह माया छोड़कर आज जैन मुनि की दीक्षा ली है. प्रांशुक कांठेड़ ने अमेरिका में सवा करोड़ का पैकेज छोड़कर जैन मुनि की दीक्षा ली. देवास में चले तीन दिवसीय कार्यक्रम में आज प्रांशुक के साथ दो और लोगों ने सांसरिक दुनिया को त्याग संयम पथ की दीक्षा ली.

2 more boy became Jain saint with pranshuk
अमेरिका में सवा करोड़ का पैकेज छोड़कर जैन मुनि बना

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Published : Dec 26, 2022, 8:19 PM IST

अमेरिका में सवा करोड़ का पैकेज छोड़कर जैन मुनि बना

देवास। अमेरिका में सवा करोड़ का पैकेज छोड़ने वाले देवास के प्रांशुक कांठेड़ ने आज जैन मुनि की दीक्षा ले ली है. प्रांशुक कांठेड़, प्रियांश लोढ़ा थांदला व पवन कासवा रतलाम तीनों ने आज एक साथ सांसारिक जीवन छोड़कर संयम पथ की दीक्षा लेकर संत जीवन में प्रवेश किया है. हाटपीपल्या में तीनों दीक्षार्थियों ने जैन संत की दीक्षा ली. प्रांशुक ने अमेरिका में सवा करोड़ (1.25 करोड़) की सालाना नौकरी छोड़कर जैन मुनि बनने की इच्छा जाहिर की थी.

अमेरिका में सवा करोड़ का पैकेज छोड़कर जैन मुनि बना

सवा करोड़ का पैकेज छोड़कर बने मुनि:दरअसल सोमवार को हाटपिपलिया मंडी प्रांगण में तीनों दीक्षार्थी प्रांशुक कांठेड़, प्रियांश लोढ़ा, पवन कासवा ने सांसारिक मोह त्याग कर उमेश मुनि के शिष्य जिनेंद्र मुनि जैन से संत बनने की दीक्षा ली है. यहां समारोह में हजारों की संख्या में लोग मौजूद हुए. यह समारोह करीब 3 घंटे चला. जहां पर सूत्र वाचन के साथ पारंपरिक प्रक्रिया की गई. उसके बाद दीक्षार्थियों को दीक्षा वस्त्र धारण करवाए गए. इस आयोजन में देश भर से लोग आए थे. बता दें कि देवास के हाटपिपलिया के निवासी प्रांशुक कांठेड़ ने परिवार से जैन संत बनने की इच्छा जाहिर की थी. जिसके बाद उनके पिता राकेश ने उन्हें सपोर्ट करते हुए जैन मुनि की दीक्षा दिलवाने में मदद की. प्रांशुक अमेरिका में डाटा साइंटिस्ट की नौकरी में सवा करोड़ का पैकेज छोड़ देवास आ गये.

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तीन दीक्षार्थियों ने ली दीक्षा: साल 2017 से विदेश में रहने के बाद भी वह अपने गुरु मंत्र की किताब पढ़ते रहे. जिसके बाद 2021 में प्रांशुक घर लौट आए. जहां उन्होंने अमेरिका की नौकरी छोड़ कर जैन मुनि की दीक्षा ली. प्रांशुक कांठेड़ अभी 28 साल के हैं. जो अब सांसारिक मोह भंग होने पर जैन संत बनने की और चल पड़े हैं. प्राशंक के साथ मामा के बेटे प्रियांशु लोढ़ा जो कि खुद एमबीए किये हुए हैं व रतलाम के मुमुक्षु पवन कासवा दीक्षित भी जैन संत के पद पर चलेंगे. सोमवार को कृषि मंडी परिसर हाटपीपल्या में भव्य दीक्षा समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें जितेंद्र मुनि मसा, स्वयंमुनि मसा, धर्मेंद्रमुनि मसा, आदि की उपस्थिति में दीक्षा कार्यक्रम संपन्न हुआ. तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान दीक्षा समारोह से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. दीक्षा समारोह कार्यक्रम में तीनों दीक्षार्थियों के परिजन व बडी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे.

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