सनातन धर्म में प्रत्येक महीने की दोनों एकादशी बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी, हरिशयनी एकादशी और आषाढ़ी एकादशी के नामों से भी जाना जाता है. इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे. पुराणों में माना जाता है कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. देवशयनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार भगवान विष्णु को तिलक-भोग लगाएं. आइए जानते हैं ...
मेष राशि :इस राशि के जातकों को रक्त चंदन का तिलक करना चाहिए, भगवान विष्णु को लाल रेशमी वस्त्र पहनाएं और लाल फल और लाल मिठाई का भोग लगाएं . मंत्र- श्री विष्णवे नमः .
वृषभ राशि :इस राशि के जातक सफेद चंदन का तिलक करें, भगवान विष्णु को सफेद रेशमी वस्त्र पहनाएंऔर सफेद मिठाई का भोग लगाएं . मंत्र- श्री अच्युताय नमः
मिथुन राशि :इस राशि के जातक को अबीर का तिलक करें, भगवान विष्णु को हरा रेशमी वस्त्र पहनाएं और हरे फल और दूध के हलवे का प्रसाद चढ़ाएं . मंत्र- श्री श्रीधराय नमः
कर्क राशि :इस राशि के जातक सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए, भगवान विष्णु को सफेद रेशमी वस्त्र पहनाना चाहिए और केले का प्रसाद और सफेद बर्फी या मिठाई का भोग लगाना चाहिए . मंत्र- श्री योगेश्वराय नमः
सिंह राशि :इस राशि के जातक को लाल चंदन का तिलक करें, भगवान विष्णु को गुलाबी रेशमी वस्त्र पहनाएं और रसभरी का प्रसाद चढ़ाएं . मंत्र- श्री नृसिंहाय नमः
कन्या राशि :इस राशि के जातक अबीर का तिलक करें, भगवान विष्णु को हरे रेशमी वस्त्र पहनाएं और हरे फल और दूध के हलवे का प्रसाद चढ़ाएं . मंत्र- श्री पद्मनाभाय नमः