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साल का अंतिम सूर्य ग्रहण खत्म, हरिद्वार गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

आज साल का अंतिम सूर्य ग्रहण खत्म हो गया. सूर्य ग्रहण पर गंगा में स्नान का विशेष महत्व होता है. जिसको लेकर हरिद्वार के गंगा घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. ग्रहण खत्म होने के बाद हरकी पैड़ी सहित अन्य घाटों पर लोगों ने गंगा स्नान किया.

Devotees took holy dip in har ki pauri
हरिद्वार गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

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Published : Oct 25, 2022, 7:35 PM IST

हरिद्वार: दीपावली के अगले दिन यानी आज इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगा है. यह सूर्य ग्रहण पूरे देश में नजर आया. सूर्य ग्रहण पर गंगा में स्नान का विशेष महत्व होता है. सूर्य ग्रहण को लेकर दोपहर बाद से ही हरकी पैड़ी सहित तमाम गंगा घाटों पर श्रद्धालु जुटने शुरू हो गए थे. यह ग्रहण शाम करीब 4:15 बजे से शुरू होकर 5:45 बजे तक रहा. जिसके बाद लोगों ने गंगा स्नान किया.

साल का अंतिम सूर्य ग्रहण खत्म

सूर्य ग्रहण को लेकर हरिद्वार के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी. इस दौरान हरकी पैड़ी पर लोग भजन-कीर्तन करते नजर आये. साथ ही गंगा में खड़े होकर भगवान सूर्य की पूजा करते दिखे. वैसे तो साल में कई सूर्य ग्रहण लगते हैं, लेकिन साल के पहले और अंतिम सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है. यही कारण है कि पहले और अंतिम सूर्य ग्रहण पर भारी संख्या में लोग गंगा किनारे पहुंचे. जहां श्रद्धालुओं ने मां गंगा और सूर्य देव की पूजा अर्चना करते नजर आये.
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सूर्य ग्रहण पर भारी संख्या में स्थानीयों के साथ दूर-दूर से लोग पौराणिक ब्रह्मकुंड पर ग्रहण देखने और पूजा करने पहुंचे. ग्रहण से पहले ही श्रद्धालु मां गंगा में खड़े होकर पूजा अर्चना करते नजर आए. वहीं, बहुत से श्रद्धालु गंगा किनारे बैठ भजन कीर्तन कर रहे थे. सूर्य ग्रहण के कारण हरकी पैड़ी पर होने वाली आरती को सूतक काल के बाद किया गया.

क्या कहते हैं पंडित: तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित ने कहा आज साल का अंतिम सूर्य ग्रहण है. इसका काल 4:15 से 5:45 तक था. इस दौरान किया जाने वाला जप तप और कीर्तन भगवान के प्रति एक शक्ति होती है. जब हम पर किसी तरह की विपत्ति आती है तो हम भगवान की शरण में जाते हैं. जप तप और विभिन्न प्रकार के धार्मिक कार्य करते हैं. इसी तरह आज भगवान सूर्यनारायण पर एक कष्ट आया है, विपत्ति आई है. यह एक युद्ध है और इस युद्ध को जीतने में हम भगवान के किस प्रकार सहायक हों, इसे मानते हुए पवित्र हिंदू धर्मावलंबी लोग पवित्र ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर आकर जप तप करते हैं. गंगा नदी में स्नान करने के बाद दान कर्म किया जाता हैं.

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