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साईबाबा शिर्डी मंदिर को दान में मिले 3 करोड़ के पुराने नोट

पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को देश में नोटबंदी की घोषणा की थी. उसके बाद 31 दिसंबर 2016 तक पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने का समय दिया गया था. इस दौरान साईं संस्थान ने प्रतिदिन दान पेटियां खोलीं, रुपयों की गिनती की और तुरंत पुराने नोटों को बैंक में जमा करा दिए.

साईबाबा शिर्डी मंदिर को दान में मिले 3 करोड़ के पुराने नोट
साईबाबा शिर्डी मंदिर को दान में मिले 3 करोड़ के पुराने नोट

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Published : Feb 5, 2022, 9:15 AM IST

शिर्डी:देश में नोटबंदी को लागू हुए करीब 5 साल से ज्यादा हो चुके हैं. ऐसा अनुमान है कि देश में जितने भी 500 और एक हजार के पुराने नोट थे वे बैंक में जमा हो गए, लेकिन हकीकत इससे अलग है. खबर मिली है कि शिर्डी के साईं बाबा मंदिर में अभी भी पुराने नोटों का दान बदस्तूर जारी है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मंदिर की तिजोरी से करीब 3 करोड़ पांच लाख के पुराने नोट मिले हैं. पुराने नोटों को मिलने से मंदिर प्रशासन की नींद उड़ गई है.

इस मामले पर शिर्डी साईं संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाग्यश्री बनायत ने कहा कि हमने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजा था. उन्होंने रिजर्व बैंक को इस संबंध में फैसला लेने का निर्देश दिया. इसके साथ-साथ हम रिजर्व बैंक के संपर्क में भी हैं और जल्द ही समाधान की उम्मीद करते हैं. बता दें, भक्तों द्वारा दान पेटी में डाले गए इन पुराने नोटों के मूल्य स्क्रैप पेपर के समान है. इन नोटों को रखना अवैध है.

8 नवंबर 2016 को लागू हुई था नोटबंदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को देश में नोटबंदी की घोषणा की थी. उसके बाद 31 दिसंबर 2016 तक पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने का समय दिया गया था. इस दौरान साईं संस्थान ने प्रतिदिन दान पेटियां खोलीं, रुपयों की गिनती की और तुरंत पुराने नोट बैंक में जमा करा दिए. 500 और हजार के पुराने नोट अभी भी दान पेटी में पाए जाते हैं. कमोबेश यही स्थिति अन्य मंदिरों की भी है. पंजीकृत मंदिरों की दान पेटियों से मिले पुराने नोटों को आरबीआई में जमा करना आवश्यक है.

ये है नियम

नियम की बात करें तो मंदिरों की दान पेटी को चैरिटी कमिश्नर की मौजूदगी में खोला जाता है गिनती की जाती है. पुराने नोट मिलने पर एक अलग रिकॉर्ड बनाया जाता है और चैरिटी कमिश्नर के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं. इसके बाद उन्हें तिजोरी में रखा जाता है. अब तक संस्थान के खजाने में बंद नोटों की संख्या तीन करोड़ पांच लाख पहुंच चुकी है.

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