देहरादून : केंद्र ने हरिद्वार में होने वाले कुंभ के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में श्रद्धालुओं को नेगेटिव कोविड रिपोर्ट को साथ लाना अनिवार्य कर दिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी में कहा गया है कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से अपने साथ 72 घंटे पहले की कोविड-मुक्त होने की जांच रिपोर्ट लानी होगी.
हरिद्वार गंगा आरती का अद्भुत नजारा. कुंभ के दौरान छह फीट की सामाजिक दूरी, चेहरे पर मास्क पहनने, सैनिटाइजेशन सहित सभी प्रकार के कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य होगा.
इस दौरान कोई प्रदर्शनी, मेला या प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं होगा. कुंभ मेले में किसी भी स्थान पर थूकना प्रतिबंधित होगा.दिशा-निर्देशों में 65 वर्ष से अधिक और 10 वर्ष से कम उम्र वालों के अलावा गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कुंभ मेले में आने से हतोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार को पर्याप्त प्रचार करने को कहा गया है.कुंभ मेले में मेला प्रशासन को पर्याप्त एंबुलेंस की व्यवस्था करनी होगी और एक हजार बिस्तर वाला अस्थाई अस्पताल बनाना होगा, जिसे विस्तारित कर 2000 बिस्तर तक पहुंचाने की गुंजाइश भी होनी चाहिए.इसके अलावा, दून अस्पताल, जौलीग्रांट अस्पताल तथा अन्य निकटवर्ती अस्प्तालों में परीक्षण की सुविधा को भी मजबूत करना होगा.
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एसओपी में साफ किया गया है कि स्वास्थ्यकर्मी तथा अग्रिम मोर्चे पर रहकर काम करने वाले अन्य कर्मचारियों को टीकाकरण के बाद ही मेले में ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा.
महाकुंभ मेले के आयोजन की संभावित तिथियां 27 फरवरी से 30 अप्रैल तक हैं. इस दौरान बड़े स्नान पर्वों जैसे 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा, 11 मार्च को महाशिवरात्रि, 21 अपैल रामनवमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है.
राज्य सरकार सोमवार को जारी करेगी SOP
ईटीवी भारत से बात करते हुए मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कुंभ को लेकर SOP जारी कर दी गई है. जिसमें कई सारे विषयों के लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया गया है. जिस पर राज्य सरकार चिंतन करेगी और सोमवार को इस SOP को संशोधित करके राज्य में लागू कर दिया जाएगा.