नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और विकसित देश भारत से पीछे हैं क्योंकि सरकार पर्यावरण की चिंता के साथ ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रही है. विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह (Minister for Power and New & Renewable Energy) ने लोकसभा में 'ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022' को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखते हुए यह बात कही जिसमें कम से कम 100 किलोवाट के विद्युत कनेक्शन वाली इमारतों के लिये नवीकरणीय स्रोत से ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का प्रावधान किया गया है.
सिंह ने कहा कि सभी देश जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने के लिए कार्बन डाईऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम करना चाहते हैं जिसके फलस्वरूप नवीकरणीय या अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में अभियान शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि पेरिस में हुए संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप 21) में भारत ने तय किया था कि 2030 तक बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा जैसे गैर-जीवाश्म ईंधन वाले स्रोतों से पूरा किया जाएगा और इस लक्ष्य को देश ने नवंबर 2021 में ही प्राप्त कर लिया.
जब बिजली की मांग बढ़ी तो अक्षय ऊर्जा ने प्रमुख भूमिका निभाई: बिजली और नवीन मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक के दौरान सिंह ने कहा, हाल के महीनों में जब इस साल बिजली की मांग बढ़ी तो अक्षय ऊर्जा का कुल बिजली उत्पादन में 25 से 29 प्रतिशत का योगदान था और नवीकरणीय ऊर्जा एक प्रमुख क्षेत्र है. सिंह ने सदस्यों को अलग-अलग कृषि फीडरों के बारे में भी बताया, जो कृषि ऊर्जा की खपत को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. बैठक की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने बताया कि बैठक में भारत में कोल्ड चेन एनर्जी क्षमता पर भी चर्चा हुई. साथ ही इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने की पहल पर चर्चा की गई. इसके अलावा उजाला योजना की उपलब्धियों को भी साझा किया गया. इस दौरान यह भी बताया गया कि ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ईसीबीसी) वाणिज्यिक भवनों के लिए शुरू की गई थी और इसे 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाया गया है.
मंत्री आर के सिंह कहा ऐसे लक्ष्य की प्राप्ति में बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और विकसित देश भारत से पीछे हैं. सिंह ने कहा कि इसका एक कारण है पर्यावरण की चिंता और दूसरा कारण है देश को आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य. उन्होंने कहा, 'हमें पेट्रोलियम, कोकिंग कोल जैसी चीजों के विदेशों से आयात पर निर्भरता समाप्त करनी है.' उन्होंने कहा कि सरकार विद्युत चालित वाहनों की चार्जिंग भी अक्षय ऊर्जा से करने को प्रोत्साहित कर रही है.