शिमला :हिमाचल प्रदेश के बजट सत्र में सामान्य वर्ग आयोग को लेकर बिल नहीं लाया गया. जिसके विरोध में बुधवार को देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने सुबह तारा देवी से शिमला तक पैदल मार्च शुरू (Devbhoomi Kshatriya Organization Protest in Shimla) किया. पैदल मार्च के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा शोघी में रोके जाने पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव (Clash between police and Devbhoomi Organization) शुरू कर दिया. पथराव के कारण शिमला एसएसपी के साथ कुछ पुलिस कर्मियों को गंभीर चोटे आई हैं. वहीं, प्रदर्शनकारियों ने सीएम जयराम ठाकुर को 1.15 बजे तक प्रदर्शन स्थल पर आने का अल्टीमेटम दिया है.
जगह-जगह तैनात किए गए पुलिस कर्मी : पुलिस कर्मियों द्वारा प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए शिमला के ISBT से क्रॉसिंग को पूरी तरह सील कर दिया (Devbhoomi Kshatriya Organization March in Shimla Himachal Pradesh) है. प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश से रोकने के लिए जगह-जगह बेरिकेट्स लगाए गए है. सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स लगा दी गई है, ताकि धारा 144 का पालन किया जा सके. देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदर्शन के कारण शहर में ट्रैफिक की स्थिति से भी लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है.
संगठन ने चक्का जाम की चेतावनी :देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने सामान्य वर्ग आयोग बनाने की मांग को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर बजट सत्र में इससे संबंधित कोई प्रावधान नहीं किया गया तो 16 मार्च को चक्का जाम करेंगे. इसी के चलते पुलिस ने पहले ही शहर में धारा 144 लगा दी थी. हालांकि, पूरे प्रदेश से संगठन से जुड़े लोग शिमला पहुंचने लगे हैं.
सिरमौर में भी प्रदर्शन : देवभूमि क्षत्रिय संगठन के आह्वान पर सिरमौर में सवर्ण समाज से जुड़े लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, नाहन-शिमला मार्ग पर दोसड़का में पुलिस और संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी झड़प हो गयी. जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गये. दो वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए. सिरमौर एसपी ओमपति जमवाल ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है.
बजट सत्र में विधेयक लाने का सीएम का आश्वासन : सीएम जयराम ठाकुर ने सवर्ण समाज के आंदोलनकारियों के बीच जाकर मध्यप्रदेश की तर्ज पर हिमाचल में एक साल के लिए सामान्य वर्ग आयोग बनाने का एलान किया था और मौके पर ही इसकी अधिसूचना जारी की थी. सीएम जयराम ने सवर्ण समाज को आश्वासन दिया था कि आगामी बजट सत्र में सरकार विधानसभा में संवैधानिक रूप से सवर्ण आयोग के गठन को लेकर विधेयक लाया जाएगा, लेकिन बजट सत्र बीत जाने के बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. जिसके बाद समाज के लोग प्रदर्शन करने के लिए शिमला में इकट्ठा हुए हैं.
सरकार ने बताई थी सामान्य आयोग की कार्यप्रणाली : राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सामान्य वर्ग आयोग के लिए जारी अधिसूचना में आयोग कार्यप्रणाली और स्वरूप के बारे में स्थिति स्पष्ट की गई थी. सामान्य वर्ग आयोग में एक अध्यक्ष और दो सदस्य होंगे. राज्य सरकार में संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी इसका सदस्य सचिव होगा. आयोग का मुख्यालय शिमला में होगा. आयोग का कार्यकाल एक साल का होगा जिसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. इसकी कार्यप्रणाली और स्वरूप के बारे में भी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है.