श्रीनगर : उत्तराखंड के कई इलाकों में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस भूकंप की तीव्रता 4.8 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई है. भूकंप का केंद्र चमोली जिले में था. हालांकि इस भूकंप से किसी भी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन उत्तराखंड में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है, जो विनाशकारी साबित होगा.
200 साल से नहीं आया कोई बड़ा भूकंप : भूगर्भ वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका बनी हुई है. क्योंकि यहां पर पिछले 200 साल से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. इस कारण इस क्षेत्र में जमीन के नीचे काफी ऊर्जा जमा हो रही है, जो कभी भी लावा बनकर फूटेगी. मतलब वो भूकंप उत्तराखंड के लिए विनाशकारी साबित होगा. बता दें कि वैसे भी उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन पांच में आता है.
100 साल में एक बार बड़ा भूकंप आना जरूरी : हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रो. वाईपी सुंदरियाल की मानें तो हर 100 साल में एक बार 7.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आना जरूरी है. ताकि जमीन की एकत्र हुई ऊर्जा रिलीव हो सके. ऐसा नहीं होने पर छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं और धरती के अंदर बड़ी-बड़ी दरारों को उत्पन्न करते हैं, जो ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं.
छोटे-छोटे भूकंप की वजह से पहाड़ उठ रहे हैं : प्रो. वाईपी सुंदरियाल ने बताया कि इन छोटे-छोटे भूकंप की वजह से पहाड़ अपने स्थान से उठ रहे हैं और धरती नीचे की तरफ जा रही है, जो अच्छा संकेत नहीं है. प्रो. सुंदरियाल ने बताया कि प्रदेश में 1803 से लेकर अभीतक कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. 1803 में 7.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप इस क्षेत्र में आया था. इसके बाद साल 1991 और 99 में 6 मैग्नीट्यूड के भूकंप इस क्षेत्र में आये थे. इस क्षेत्र में जमीन के नीचे ऊर्चा को बैलेंस करने के लिए 100 साल में एक बार 7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आना जरूरी है.