सागर। आपको ये जानकर अचरज होगा कि महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पंढरपुर में स्थित विट्ठल भगवान के पंढरीनाथ मंदिर की तरह बुंदेलखंड में भगवान विट्ठल का मंदिर स्थित है. बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर जिले के रहली नगर में ये मंदिर स्थित है. इसकी खासियत ये है कि यहां मराठा रानी ने 250 साल पहले पंढरपुर की तरह हुबहू मंदिर बनवाया था. भगवान विट्ठल की मूर्ति पुष्य नक्षत्र में सोने की ईंट पर लायी गयी थी. मंदिर की खास बात ये है कि मंदिर को बिल्कुल पंढरपुर मंदिर के जैसे बनाया गया है और हर बारीकी का ध्यान रखा गया है. अब जब मंदिर के 250 साल पूरे हो गए हैं, तो मंदिर पर कलश रोहण किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में देश और मध्यप्रदेश के लोग हिस्सा लेंगे.
धर्मप्रेमी दानवीर मराठारानी ने बनवाया मंदिर: बुंदेलखंड में कई ऐसे मंदिर हैं, जिन मंदिरों का निर्माण मराठारानी लक्ष्मीबाई खेर ने कराया था. दरअसल जब महाराजा छत्रसाल का मुगलों से संघर्ष हुआ, तो उन्होंने बाजीराव पेशवा से मदद मांगी थी. बाजीराव पेशवा प्रथम ने 1728 में मोहम्मद बंगश के खिलाफ महाराजा छत्रसाल को सेना भेजकर मदद की थी. महाराजा छत्रसाल की बेटी मस्तानी बाजीराव पेशवा प्रथम की दूसरी पत्नी बनी. अपनी मौत के पहले महाराजा छत्रसाल ने बाजीराव पेशवा प्रथम की मदद के बदले में बुंदेलखंड का बहुत बड़ा हिस्सा बाजीराव प्रथम को सौंप दिया था.
इसमें सागर जिले का ज्यादातर हिस्सा बाजीराव पेशवा के हिस्से में आया था और यहां पर उन्होंने अपने प्रतिनिधि को शासन करने भेजा था. यहां के स्थानीय राजा की महारानी लक्ष्मीबाई अंबादेवी खेर काफी दानवीर और धर्मप्रिय थीं. उन्होंने सागर शहर और सागर रहली मार्ग पर कई मंदिरों का निर्माण कराया. जिसमें 250 साल पहले रहली के पंढरपुर में स्थित विट्ठलभगवान का मंदिर बुंदेलखंड के लिए अपने आप में एक अद्भुत सौगात है. मंदिर की वास्तुकला के साथ-साथ मंदिर की भव्यता और महाराष्ट्र के पंढरीनाथ मंदिर से समानता लोगों को आकर्षित करती है. खास बात ये है कि मंदिर के दर्शन के लिए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा देश विदेश में बसे मराठी लोग यहां जरूर आते हैं.
रहली और महाराष्ट्र के पंढरपुर मंदिर में समानता:पिछली 6 पीढी से मंदिर की पूजा कर रहे पंडित लक्ष्मीनारायण पुराणी के पूर्वजों को मंदिर की पूजा के लिए रानी लक्ष्मीबाई खैर ने यूपी से रहली लाकर बसाया था. मंदिर की तमाम व्यवस्था और पूजापाठ की जिम्मेदारी पुराणी परिवार की थी, लेकिन बाद में ट्रस्ट के गठन के बाद अब पुराणी परिवार सिर्फ पूजा अर्चना करता है. पंडित लक्ष्मीनारायण पुराणी बताते हैं कि महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पंढरपुर में स्थित विट्ठल भगवान के मंदिर और सागर जिले के रहली नगर के पंढरपुर में स्थित विट्ठल भगवान का मंदिर कई मामलों में एक जैसा है.