गुवाहाटी :सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी प्रकार की जानवरों की लड़ाई के आयोजन पर रोक लगाई है. इसके बावजूद असम के नागांव और मोरीगांव जिले में लोगों ने शुक्रवार को भैंसों की लड़ाई का आयोजन किया गया. असम में माघ बिहू पर पारंपरिक खेल ( भैंसों की लड़ाई ) का आयोजन क्षेत्र में सदियों से जारी है.
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी प्रकार की जानवरों की लड़ाई और दौड़ पर प्रतिबंध लगा दिया था. कोर्ट ने पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया (AWBI) से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि लड़ाई या दौड़ के आयोजन के नाम पर जानवरों को कोई दर्द या घाव नहीं दिया जाए.
भैंस की लड़ाई का आयोजन असम के विभिन्न भागों में माघ के असमिया कैलेंडर महीने के पहले दिन और माघ बिहू उत्सव के हिस्से के रूप में किया जाता है. भैंसों की लड़ाई एक पारंपरिक खेल रहा है, जिसे अहोम शासन के दौरान शाही संरक्षण प्राप्त हुआ था.