अमरावती:आकाशवाणी रेनबो 107.5 में बतौर आरजे काम करने वाली अंबिका कृष्ण जिंदगी जीने के नए अवसर ढूंढ़ रही है. अंबिका वायु सेना अधिकारी शिवराज एच की विधवा हैं, 19 साल की उम्र में उन्होंने अपने पति को खो दिया था. अंबिका ने 11 अप्रैल को अपने खर्च से अकेले बाइक की सवारी शुरू की थी. उन्होंने कहा कि उसके दोस्त वास्तव में सहायक रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें हर स्टेशन पर आकाशवाणी के कर्मचारियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. वह सुबह जल्दी अपनी सवारी शुरू करती है, चिलचिलाती धूप के कारण दोपहर के दौरान रुकती है, और फिर शाम को सवारी फिर से शुरू करती है. वह रोजाना 350 से 500 किलोमीटर का सफर तय करती हैं. अंबिका ने कहा कि तमिलनाडु में सवारी करते समय उनका एक्सीडेंट हो गया. उन्होंने कुछ दिनों के लिए आराम किया. हालांकि, उन्होंने चोट के दर्द के बावजूद जल्द ही उन्होंने फिर से सवारी शुरू कर दी. वह कहती हैं कि रास्ते में आने वाली छोटी-छोटी मुश्किलें उन्हें परेशान नहीं करतीं क्योंकि उन्होंने देश की सेवा करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि के रूप में सवारी शुरू की है.
लोगों के लिए बना चाहती हैं प्रेरणा :उनकी यह ट्रिप सैनिकों और उनकी विधवाओं को श्रद्धांजलि होगी. अंबिका ने 19 साल की उम्र में अपने पति को खो दिया था जिस समय वो ग्रेजुएशन में थीं. उस समय अंबिका एक तीन महीने की बेटी की मां भी थी. उनकी यही लड़ाई की भावना उनके लिए सभी बाधाओं से लड़ने का कारण बनी और आज उनकी ये कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा है. देश भर के सभी 25 रेनबो स्टेशनों को जोड़ने वाली इस सोलो ट्रिप के माध्यम से अंबिका अपने जैसे उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा बनना चाहती हैं जो उनकी तरह जिंदगी जीने को मजबूर हैं.