चंडीगढ़ : पंजाब में अलग-अलग स्थानों से ग्रेनेड और हथियारों की बरामदगी के बाद धार्मिक डेरों और विभिन्न संस्थाओं के डेरों की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला पंजाब पुलिस ने लिया है. इस संबंध में डीजीपी ऑफिस से हाई अलर्ट जारी किया है. सभी आईजी, डीआईजी रेंज समेत जिलों के एसएसपी को कड़े सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं.
दरअसल पाकिस्तान के बॉर्डर एरिया के डेरों पर इंटेलिजेंस की नजर है क्योंकि आतंकवादियों की नजर डेरों और धार्मिक संस्थानों पर है. जानकारी के अनुसार राज्य के 8 बड़े डेरो के प्रबंधकों से भी मीटिंग कर अपने स्तर पर भी कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं. पुलिस को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों में छिपे बैठे आतंकियों द्वारा डेरों को निशाना बनाने का इनपुट मिला है.
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के साथ लगते जिलों में धार्मिक और गैर धार्मिक संस्थाओं के डेरो पर इंटेलिजेंस में भी सुरक्षा के मद्देनजर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है. इसी के चलते अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट, बटाला और मजीठा पुलिस को कड़े सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा बठिंडा, मानसा, बरनाला, पटियाला, फरीदकोट, मोगा और जगराओं के पुलिस अधिकारियों को भी उनके क्षेत्रों में पड़ने वाले डेरों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट किया गया है.
लंबे समय से पंजाब और हरियाणा में डेरे जमकर फल-फूल रहे हैं जिसका कारण है यहां का आर्थिक और सामाजिक भेदभाव. पंजाब में 17 मुख्य डेरे हैं और 53 अन्य जिनमें राधास्वामी, सच्चा सौदा, निरंकारी, नामधारी दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, डेरा संत भनियारा वाला, डेरा सचखंड और डेरा बेगोवाल आदि शामिल हैं.
इन डेरों की शाखाएं सभी जिलों में हैं. दरअसल, राजनीतिक दलों के लिए यह डेरे वोट बैंक हैं. वही आतंकियों के लिए यहां पर लोगों की संख्या सॉफ्ट टारगेट है. जिस वजह से आतंकियों की नजर डेरों और धार्मिक संस्थानों पर रहती है.