देहरादून:जोशीमठ भू धंसाव का दायर लगातार बढ़ता जा रहा है. जोशीमठ के हालातों पर पीएमओ भी नजर बनाये हुए है. इसी कड़ी में आज पीएमओ में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल जोशीमठ पहुंचे. मंगेश घिल्डियाल ने जोशीमठ के मारवाड़ी स्थित जेपी कंपनी और उसके आसपास की दरारों का निरीक्षण किया. इसके साथ ही मंगेश घिल्डियाल ने आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात भी की. इसके साथ ही आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा भी आज जोशीमठ पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने रोपवे के पास आ रही दरारों का निरक्षण किया. साथ ही आपदा सचिव ने शंकराचार्य मठ में आ रही दरारों व आसपास के घरों में दो दिनों के भीतर आई दरारों का भी निरक्षण किया. आपदा सचिव रणजीत सिन्हा ने कहा हैदराबाद से जियो फिजिकल के लिये एक टीम आई हैं, जो सभी दरारों का निरक्षण कर रही है.
इस दौरान आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा हमारी सभी टीमें यहां जांच के लिए पहुंची हैं. अब उनकी रिसर्च बताएगी कि जोशीमठ में हुए भू धंसाव का क्या कारण रहा. उन्होंने कहा रिसर्च औऱ अध्यन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा हम लगाातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं कि क्या क्षेत्र में कोई नई दरारें हैं. दरारों में लगभग 1 मिमी की मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन हम उनकी निगरानी कर रहे हैं. हम एक पैटर्न भी ढूंढ रहे हैं ताकि भविष्य में कोई नुकसान न हो.
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जोशीमठ में लगातार हो रहा भू-धंसाव: आपको बता दें कि जोशीमठ में लगातार हालात बिगड़ रहे हैं. जमीन का धंसाव लगातार हो रहा है. जोशीमठ शहर को औली से जोड़ने वाली 4.15 किलोमीटर लंबी रोपवे भी पूरी तरह अब खतरे की जद में आ गई है. रोपवे के टावर नंबर 1 के पास बीते दिनों दरारें आने के बाद प्रशासन के द्वारा रोपवे के संचालन पर एहतियातन रोक लगा दी गई थी. देर रात प्लेटफॉर्म पर आई दरारों के बाद भविष्य में भी रोपवे के संचालन को लेकर चिंताए बढ़ गई हैं.