अहमदाबाद : गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बुधवार को राज्य का वर्ष 2021- 22 के लिए 2,27,029 करोड़ रुपये का बजट विधानसभा में पेश किया. जिसमें 59 प्रतिशत आवंटन विकास कार्यों के लिए किया गया है.
पटेल ने बजट भाषण पढ़ते हुए कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था कोविड- 19 महामारी के प्रभाव से उबर रही है. पटेल उप- मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ राज्य के वित्त मंत्री भी हैं. उन्होंने पेश बजट में कोई नया कर नहीं लगाया और न ही कोई मौजूदा कर बढ़ाया है.
बजट अनुमानों में वित्त वर्ष के दौरान 587.88 करोड़ रुपये का अधिशेष रहने का अनुमान लगाया गया है.
राज्य का राजकोषीय घाटा जो कि वित्त वर्ष 2019-20 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 1.49 प्रतिशत रहा. वर्ष 2020-21 में यह घाटा तेजी से बढ़कर 3.10 प्रतिशत पर पहुंच गया. वर्ष के दौरान महामारी की वजह से सरकारी खर्च अधिक हुआ, जबकि राजस्व प्राप्ति में काफी कमी आई.
पटेल ने चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी प्राप्ति में आ रहे सुधार को हवाला देते हुए कहा कि 2020-21 की पहली तिमाही में जीएसटी की प्राप्तियां पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत कम रहीं. दूसरी तिमाही में वसूली सुधरी और कमी 15 प्रतिशत रही और तीसरी तिमाही में जीएसटी राजस्व एक साल पहले के मुकाबले पांच प्रतिशत अधिक रहा.
राज्य की राजस्व प्राप्ति जनवरी 2021 में 3,413 करोड़ रुपये रही जो कि अब तक किसी एक माह में सबसे अधिक थी. फरवरी में यह और अधिक बढ़कर 3,514 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. पटेल ने कहा, 'राज्य की अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है. जीएसटी राजस्व में वृद्धि से आर्थिक सुधार को लेकर उत्साहवर्धक संकेत मिल रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक से 9,200 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बावजूद राज्य को जीएसटी के मामले में 8,000 से 9,000 करोड़ रुपये की कमी का सामना करना पड़ेगा.
एक अधिकारी ने कहा, 'गुजरात को जीएसटी परिषद से 25,000 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर मिलने थे. इसमें से 9,200 करोड़ रुपये की राशि कर्ज के तौर पर उपलब्ध कराई गई है. इसमें 6,000 करोड़ रुपये उपकर के तौर पर प्राप्त होंगे इस प्रकार 8,000 से 9,000 करोड़ रुपये तक का घाटा रह जाएगा.'
पटेल ने दावा किया कि अप्रैल-सितंबर 2020 के बीच गुजरात ने 1.19 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया. यह देश में प्राप्त कुल एफडीआई का 53 प्रतिशत है.