बेंगलुरु: कर्नाटक कांग्रेस महासचिव कविता रेड्डी ने सोमवार को तीन जून को होने वाले विधान परिषद चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन करते समय महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा नहीं देने के लिए अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा. रेड्डी ने कहा कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व में लैंगिक न्याय के बिना सामाजिक न्याय अप्रासंगिक और अधूरा है.
मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट में, रेड्डी ने लिखा, 'एमएलए / एमपी टिकट पाने वाले सभी पुरुष नहीं जीतेंगे, इसलिए जीत का सवाल केवल महिलाओं के लिए है? सभी संसाधनों वाले पुरुष भी चुनाव हार गए हैं, लेकिन संसाधनों पर सवाल केवल महिलाओं के लिए है? लैंगिक न्याय के बिना सामाजिक न्याय अप्रासंगिक/अधूरा है!' पोस्ट में आगे लिखा, 'कांग्रेस 50 प्रतिशत आबादी की अनदेखी क्यों कर रही है? क्या हमारी विधानसभा, परिषद या संसद में महिलाओं का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है? क्या यहां महिलाओं के लिए कोई प्रवेश नहीं है?'