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डेंगू : भूलकर भी न करें इन लक्षणों को नजरअंदाज, ये हैं बचाव के तरीके - dengue symptoms

हरियाणा में एक तरफ जहां कोरोना के मामले कम हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ डेंगू के मामलों में (haryana dengue cases increasing) तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल ने ETV BHARAT से खास बातचीत की, और डेंगू के मामले अचानक बढ़ने, डेंगू के लक्षण (symptoms of dengue) और इससे बचाव के बारे में विस्तार से बताया.

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Published : Oct 9, 2021, 5:36 PM IST

चंडीगढ़ : प्रदेश में डेंगू (haryana dengue cases increasing) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस समय हरियाणा में 500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और यह मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस बार डेंगू की वजह से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. आखिर डेंगू के मामले क्यों बढ़ रहे हैं. लोग इससे कैसे बचाव (dengue precautions) कर सकते हैं और डेंगू के लक्षणों (symptoms of dengue) को लोग कैसे पहचान सकते हैं. इसको लेकर ETV BHARAT ने चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल से खास बातचीत की.

डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि इस बार डेंगू के मामले बढ़ने का सबसे मुख्य कारण मानसून का लंबा खीचना है. मानसून की वजह से जगह-जगह पर पानी इकट्ठा होने के कारण डेंगू के मच्छर पैदा हो गए और उसी वजह से ही डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं. जब किसी को डेंगू होता है तो उसे तेज बुखार होता है, उसके सिर में भी तेज दर्द होता है. इस बुखार में हड्डियों में दर्द होता है. इसी वजह से इस बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है.

डॉ. सोनू गोयल ने ETV BHARAT से खास बातचीत की

डेंगू के बुखार में प्लेटलेटस तेजी से कम होता है

अगर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डेंगू के बुखार में प्लेटलेटस तेजी से गिरता है. जिस का तुरंत इलाज जरूरी होता है. लोग लापरवाही न बरतें और घर पर इलाज की कोशिश न करें. उन्होंने बताया कि डेंगू बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है, क्योंकि बच्चे ज्यादा समय घर के बाहर खेलते हैं. बच्चे टी-शर्ट और निकर पहने होते हैं, जिससे उनके शरीर का ज्यादातर हिस्सा खुला होता है. जहां पर उन्हें मच्छर काट लेते हैं. माता-पिता ध्यान रखें कि बच्चे जब भी घर से बाहर जाएंं तो वे पूरी बाजू की टीशर्ट और पायजामा पहने हों. बड़े भी इन बातों का ध्यान रखें और वे भी डेंगू से बच कर रहें.

इसके अलावा घरों में पानी इकट्ठा न होने दें. कूलर, खाली पड़े बर्तनों, प्लास्टिक का सामान, टायर आदि में पानी जमा हो जाता है तो उसे साफ कर दें. इसके अलावा लोग गमलों में पानी देते हैं. कई बार गमलों में पानी पड़ा रहता है, इसलिए लोग गमलों में थोड़ा-थोड़ा पानी दें, जो मिट्टी में चला जाए. चाहे पौधों को दिन में दो बार पानी दें, लेकिन एक बार में ज्यादा पानी नहीं दें. बारिश के मौसम में अगर घर के आस-पास कहीं पर पानी पड़ा है तो वहां पर मिट्टी डलवा दें. अगर मिट्टी नहीं डलवा सकते तो वहां पर मिट्टी के तेल का छिड़काव कर दें. मिट्टी के तेल का छिड़काव करने से उस पानी में मच्छर नहीं पनपेगा.

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डेंगू क्या है

डेंगू (Dengue) एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है. डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं. डेंगू बुखार (Dengue Fever) को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है. यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार (Flaviviridae family) के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1 (DENV-1), डीईएनवी-2 (DENV-2), डीईएनवी-3 (DENV-3) और डीईएनवी-4 (DENV-4) के कारण होता है. हालांकि, ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते हैं. जब डेंगू का संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ (Dengue Haemorrhagic Fever) होने का खतरा बढ़ जाता है. इसमें भारी रक्तस्राव (Heavy Bleeding), ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक ​​कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है. डीएचएफ को डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue shock syndrome) भी कहा जाता है. अधिक गंभीर मामलों में तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत होती है वरना पीड़ित की जान भी जा सकती है. डेंगू का कोई विशिष्ट या खास उपचार उपलब्ध नहीं है. सिर्फ इसके लक्षणों को पहचानकर ही आप इस पर काबू पा सकते हैं.

इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

  • मतली- उल्टी आना
  • तेज बुखार आना
  • कमजोरी महसूस होना
  • पेट की खराबी या पेट में दिक्कतें पैदा होना
  • सिरदर्द होना
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • हड्डी या जोड़ों में दर्द होना
  • आंखों के पीछे वाले हिस्से में दर्द होना
  • त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते या लाल रंग के दाने होना
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें, तो डेंगू के शुरुआती लक्षण फ्लू की तरह होती है और इसी के कारण लोग डेंगू के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं.

इतने दिनों बाद दिखने लगते हैं लक्षण

आमतौर पर संक्रमित मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है, तो उसके 4-10 दिनों के बाद उसमें डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं. इसके बाद तेज बुखार आने के साथ ही डेंगू के अन्य लक्षण भी नजर आने लगते हैं और ये तेजी से बढ़ने भी लगते हैं.

डेंगू से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें
  • मच्छर मारने वाली दवा का उपयोग करें
  • घर से या किचन से निकलने वाले कचरे को ज्यादा जमा न होने दें
  • सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
  • घर की छत, कूलर, गमलों, टायर या अन्य जगहों पर पानी जमा न होने दें. ध्यान रहे कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है.

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