नई दिल्ली: सात साल पहले, 8 नवंबर, 2016 को भारत एक महत्वपूर्ण आर्थिक घटना का गवाह बना था. आज ही के दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 रुपये और 1000 रुपये के उच्च मूल्य वाले मुद्रा नोटों के विमुद्रीकरण की घोषणा की थी. इस अचानक और अप्रत्याशित कार्रवाई से पूरे देश में एक तरह की अफरातफरी मच गई थी क्योंकि जनता नए आर्थिक परिदृश्य से जूझ रही थी. हालांकि, सरकार ने इसे तब एक बड़ा और क्रांतिकारी कदम बताया था. लेकिन अब केंद्र सरकार और उससे जुड़ी भाजपा इस फैसले का जिक्र ज्यादा नहीं करती है.
वहीं, विपक्षी पार्टियां खासतौर से कांग्रेस और राहुल गांधी मौका-ब-मौका केंद्र सरकार को इस फैसले पर घेरने की कोशिश करती रहती है. बुधवार को एकबार फिर नोटबंदी के साल पूरे होने पर कांग्रेस के नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने इसको लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपना ही एक पुराना वीडियो शेयर किया.