दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

लोकतंत्र, स्वतंत्रता और एकता की रक्षा के लिए शाश्वत सतर्कता की जरूरत: आरिफ मोहम्मद खान - आरिफ मोहम्मद खान

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammad Khan) ने अज्ञानता को शांति का दुश्मन बताया है. अज्ञानता के कारण आप दूसरे व्यक्ति के बारे में धारणा बनाने लगते हैं, जो घृणा को बढ़ावा देती है. उक्त बातें उन्होंने महात्मा गांधी की जयंती (birth anniversary of Mahatma Gandhi) के अवसर पर साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram in Ahmedabad) में व्याख्यान के दौरान कहीं.

Kerala Governor Arif Mohammad Khan
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

By

Published : Oct 2, 2022, 10:14 PM IST

अहमदाबादःकेरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammad Khan) ने रविवार को लोकतंत्र, स्वतंत्रता तथा एकता को बेशकीमती करार दिया और कहा कि इनकी रक्षा के लिए शाश्वत सतर्कता की जरूरत है. उन्होंने अज्ञानता को शांति का असली दुश्मन बताते हुए कहा कि प्रगति के लिए लोगों के बीच एकता जरूरी है. खान ने कहा, 'कीमती चीजों की रक्षा करने की आवश्यकता है. आपका लोकतंत्र बेशकीमती है क्योंकि इसके बिना आपका कोई अधिकार नहीं है. आपकी स्वतंत्रता अनमोल है क्योंकि गुलामी का जीवन कोई जीवन नहीं है और आपकी एकता बहुमूल्य है क्योंकि आप इसके बिना आगे नहीं बढ़ सकते. दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नहीं चल सकते.

आरिफ मोहम्मद खान ने महात्मा गांधी की जयंती (birth anniversary of Mahatma Gandhi) के अवसर पर अहमदाबाद के साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram in Ahmedabad) में व्याख्यान के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा, 'यह अच्छा नहीं लगता कि आजादी के 75 साल बाद भी हम 'भारत सभी के लिए' के बारे में बात करते हैं. इसका मतलब है कि हमें कहीं न कहीं एकता की कमी महसूस हो रही है. खान ने 'दूसरे' की भावना को भी शांति के लिए खतरा करार दिया. उन्होंने कहा कि 'अन्य' तब अस्तित्व में आता है जब कोई उनके बारे में अनभिज्ञ होता है.

इसे भी पढ़ें- केरल में सक्रिय है PFI, उस पर कार्रवाई में निभाऊंगा जिम्मेदारी : आरिफ मोहम्मद खान

उन्होंने कहा, 'हमारी अपनी परंपरा ही हमें बताती है, 'दूसरा' हमेशा भय का स्रोत होता है, और भय हमेशा घृणा को जन्म देता है. अज्ञानता के कारण आप दूसरे व्यक्ति के बारे में धारणा बनाने लगते हैं और 'दूसरा' वाली सोच घृणा को जन्म देती है तथा घृणा हिंसा को बढ़ावा देती है. इस तरह एक दुष्चक्र अस्तित्व में आता है.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details