नई दिल्ली : अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने हास्य कलाकार कुणाल कामरा के उच्चतम न्यायालय की कथित आलोचना वाले ट्वीट के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी है. वेणुगोपाल ने कहा कि ये ट्वीट बहुत आपत्तिजनक हैं और समय आ गया है कि लोग समझ लें कि शीर्ष अदालत को निशाना बनाने पर सजा मिलेगी.
वेणुगोपाल ने कहा कि आज लोग मानते हैं वे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करते हुए 'मुखरता और बेशर्मी' से उच्चतम न्यायालय और न्यायाधीशों की आलोचना कर सकते हैं लेकिन संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी अवमानना कानून के अधीन है.
कामरा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष विधि अधिकारी से सहमति मांगी थी.
वेणुगोपाल ने एक याचिकाकर्ता को अपने पत्र में लिखा है, मैंने कुणाल कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति के संबंध में जिक्र किए गए ट्वीट पर गौर किया है. ये ट्वीट ना केवल बहुत आपत्तिजनक हैं बल्कि हास्यबोध और अदालत की अवमानना के बीच की रेखा को भी साफ तौर पर पार करते हैं.
पत्र में उन्होंने कहा है, इसलिए मैं कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू करने पर अपनी सहमति दे रहा हूं.
अदालत की अवमानना कानून 1971 की धारा 15 के तहत किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की संस्तुति आवश्यक है .