नई दिल्ली :कोरोना वैक्सीन सहित दवाईयों को पेटेंट मुक्त करने की मांग को लेकर स्वदेशी जागरण मंच ने प्रदर्शन किया है. इनका मानना है कि ऐसा करने से अन्य कम्पनियां इन दवाइयों और टीके के उत्पादन में लग जाएंगी और करोड़ों लोगों की जान बचाई जा सकेगी.
इतना ही नहीं तकनीक साझा कर पेटेंट से मुक्ति देने से न केवल दवाइयों की कीमत कम हो जाएगी बल्कि इसकी उपलब्धता भी बढ़ेगी. आज जिस तरह की परिस्थिति देशों के सामने है उससे समय रहते निजात मिल सकेगी. स्वदेशी जागरण मंच ने बिल गेट्स के उस बयान का भी विरोध किया जिसमें उन्होंने फार्मा कंपनियों का पक्ष लेते हुए टीके को पेटेंट मुक्त करने को मुनासिब नहीं बताया था.
स्वदेशी जागरण मंच की मांग है कि कोरोना के टीके के अलावा इस बीमारी से संबंधित सभी दवाइयों को सरकार अनिवार्य लाइसेंसिंग के जरिए अन्य कंपनियों को बनाने की अनुमति दे. वर्तमान में जिन कंपनियों ने टीके का ईजाद किया है वह इसको बनाने में दिन-रात लगी हैं लेकिन मांग की तुलना में उनका उत्पादन कई गुना कम है और इस गति से सभी देशों तक सम्पूर्ण टीकाकरण पहुंचने में तीन वर्ष से अधिक का समय लग सकता है.
ऐसे में वैक्सीन बनाने के अधिकार को पेटेंट से मुक्त कर फॉर्मूला अन्य कंपनियों से साझा कर उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की मांग भारत और दक्षिण अफ्रीका ने WTO के मंच पर रखी है. जिसका समर्थन बाद में अमेरिका और रूस जैसे देशों ने भी किया है. हालांकि अभी भी कनाडा, यूरोपीय संघ, जर्मनी समेत अन्य देशों का एक गुट वैक्सीन को पेटेंट मुक्त कर उसकी तकनीक साझा करने के पक्ष में नहीं हैं.