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बस्तर में समुदाय विशेष के खिलाफ शपथ का मामला, ईसाई समाज ने की कार्रवाई की मांग - बस्तर में समुदाय विशेष के खिलाफ शपथ

बस्तर में विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में समुदाय विशेष के लोगों के बहिष्कार की बात का मामला तूल पकड़ रहा है. पहले इस कार्यक्रम में भाजपा नेताओं के शामिल होने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप चला. अब छत्तीसगढ़ क्रिश्चन फोरम ने इस पर आपत्ति जताते हुए जगदलपुर में बस्तर आईजी एवं पुलिस अधीक्षक जगदलपुर से मुलाकात की है. फोरम ने मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

Jagdalpur chritian foram
बस्तर में समुदाय विशेष के खिलाफ शपथ

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Published : Apr 24, 2023, 10:49 PM IST

विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ केस दर्ज

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम का कहना है कि "भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और यहां इस तरह का बहिष्कार संबंधी कार्यक्रम आयोजित करना देशद्रोह की श्रेणी में आता है. इसलिए इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की आवश्यकता है." क्रिश्चियन फोरम के सदस्यों ने एफआईआर के लिए आवेदन देने की बात भी कही है.

"देश को बांटने की शपथ दिलाई गई": छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल का कहना है कि "10 तारीख को यहां पर एक शपथ ग्रहण समारोह हुआ है, जिसमें देश को बांटने का शपथ दिलाया गया है. इसको हम गैर संवैधानिक ही नहीं, इसको सेडिशन के लॉ के अंतर्गत देखते हैं. धारा 124 के तहत देश द्रोह की धारा लगती है." फोरम का मानना है कि, इस प्रकार के शपथ ग्रहण को ढीला छोड़ दिया गया, तो आज पूरे देश में आग लग जाएगी. कोई भी इस प्रकार से समाज को बांटने का काम नहीं कर सकता. यह हमारा संवैधानिक अधिकार है." इसलिए फोरम के सदस्य अपना स्टेटस प्रदर्शित करने यहां आए थे.

"ऐसे समारोह पर नकेल कसने की जरूरत": अरुण पन्नालाल का कहना है कि "हमारा दूसरा आरोप यह है कि, जो 10 तारीख को शपथ ग्रहण समारोह हुआ था और 11 तारीख को एक हमला वहां पर सुकमा में हुआ है. वह भी हेट स्पीच के कारण. उससे वहां एक युवक की मृत्यु हो गई थी. वह बहुत संवेदनशील मामला है, ऐसा नहीं होना चाहिए." जब तक नकेल नहीं कसेंगे, तब तक शांति कायम होना संभव नहीं है.

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"पांच साल से ही धर्मांतरण के केस आ रहे": क्रिश्चियन फोरम के सदस्यों ने आरोप लगाया कि "धर्मांतरण 1950 से हो रहा है. लेकिन बीते 5 सालों में ही बस्तर में मसीही समाज के सदस्यों के खिलाफ अपराध बढ़ें हैं. ऐसे में अचानक इस तरह के हमले बढ़ने की वजह गंभीर है. यहां पर धर्मांतरण 1950 से हो रहा है. यहां 25 साल, 30 साल और 35 साल से गांव में चर्च बने हुए हैं. दो साल में ही सारे धर्मांतरण के केसेस आ गए. इस पर आप ही लोग सोचिए. पिछले पांच साल से ही धर्मांतरण के केस आ रहे हैं, सभी कुछ हो रहा है."

"आर्टिकल 25 देती है धर्मांतरण का अधिकार": फोरम ने कहा कि "एक सवाल आप पूरी जनता से है कि, धर्मांतरण का अधिकार अगर आर्टिकल 25 देती है, तो उसको न मानें? उसको हटा दीजिए, फिर नहीं मानेंगे. धर्मांतरण में जो आरोपी हैं, उसको आप पकड़िए, अंदर कीजिए, कौन मना कर रहा है. दूसरी बात यह है कि 1950 से अब तक कोई एक भी आदमी पर ना आरोप सिद्ध हुआ है, न अरेस्ट हुआ है, न पकड़ा गया है. तो इस किस्म के यह अफवाह हैं, जो उड़ाई जाती है. जिससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता."

इस मौके पर फोरम के सदस्यों ने देश में अमन चैन की बात कही है. बस्तर में अब यह मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है. आने वाले समय में इसमें और घमासान देखने को मिल सकता है.

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