दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कोरोना : वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद हुआ डेल्टा वेरिएंट संक्रमण - corona vaccine doses

महाराष्ट्र के पुणे स्थित एक अस्पताल के 28 वर्षीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है. व्यक्ति पहले ही कोरोना से संक्रमित हो चुका था और उसे वैक्सीन के दोनों डोज भी लग चुके हैं.

corona
corona

By

Published : Oct 24, 2021, 11:52 AM IST

Updated : Oct 24, 2021, 12:14 PM IST

पुणे : कोरोना के डेल्टा वेरिएंट संक्रमण का मामला पुणे स्थित एक अस्पताल में सामने आया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक 28 वर्षीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता पहले भी कोरोना से संक्रमित हुआ था. संक्रमण के बाद इस स्वास्थ्य कार्यकर्ता को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज भी लगाई जा चुकी है. एक रिसर्च टीम ने यह जानकारी दी.

गौरतलब है कि ऐसे दो और मामले सामने आए हैं जहां, डॉक्टर्स तीन बार कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं.

पहली बार संक्रमित होने के बाद, पुणे के व्यक्ति में ठीक होने के दो सप्ताह बाद एंटीबॉडी का स्तर मध्यम पाया गया था.

उस व्यक्ति ने फिर कोविशील्ड की पहली खुराक ली और उसके बाद दूसरी खुराक चार सप्ताह बाद ली. दूसरी खुराक लेने के एक महीने बाद, उसे फिर से बुखार आया जिसके बाद उसने RT-PCR टेस्ट करवाया जो पॉजिटिव आया.

कोविड रोगियों के संपर्क में रहने के कारण स्वास्थ्य कर्मियों में पुन: संक्रमण हो सकता है.

शोध दल पुणे स्थित डॉ डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, और सीएसआईआर- इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी), भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) का एक हिस्सा है.

पढ़ें :-सिंगापुर में भारतीय नागरिक दोबारा कोरोना वायरस से संक्रमित, दो रिश्तेदार भी आए चपेट में

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक सीएसआईआर-आईजीआईबी (CSIR-IGIB) के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ विनोद स्कारिया ने बताया कि यह एक अत्यंत दुर्लभ मामला है. कोविड संक्रमण और पूर्ण टीकाकरण के बाद रोगियों में हाइब्रिड प्रतिरक्षा विकसित हो जाती है. बावजूद इसके पुन: संक्रमण देखा गया.

उन्होंने कहा कि हाइब्रिड इम्युनिटी अपने आप में संक्रमण या टीकाकरण की तुलना में बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है और इसलिए यह मामला दुर्लभ है. हाइब्रिड इम्युनिटी वेरिएंट के खिलाफ बी कोशिकाओं (B cells) और एंटीबॉडी में सुधार करती हैं.

डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ शहजाद मिर्जा ने कहा, हमने टीकाकरण के बाद संक्रमित होने वाले मरीज के नासोफेरींजल नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए आईजीआईबी को भेजे जहां डेल्टा संस्करण की पुष्टि हुई.

Last Updated : Oct 24, 2021, 12:14 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details