मुंबई : फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनिन (Emmanuel Lenain) ने गुरुवार को कहा की पांच साल पहले हस्ताक्षरित एक अंतर-सरकारी समझौते के तहत फ्रांस की कंपनी दसां एविएशन द्वारा निर्मित तीस राफेल लड़ाकू विमान अब तक भारत को वितरित किए जा चुके हैं और शेष छह अप्रैल 2022 तक सौंप दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि यह फ्रांस के लिए गर्व की बात है कि कोविड-19 महामारी की वजह से हफ्तों तक कारखानों को बंद रखने के बावजूद, वह समय पर विमान पहुंचाने में सक्षम है.
लेनिन ने बताया, '... फ्रांस में, टीम अतिरिक्त पारियों में काम कर रही हैं. वे प्रतिबद्धता को पूरा करने में सक्षम होने के लिए कभी-कभी रात और सप्ताहांत में भी काम करते रहे हैं. आखिर विश्वास इसी को कहते हैं.'
उन्होंने कहा, 'आज की बात करें तो 29 (विमान) भारत भेजे जा चुके हैं और 30 की भारत को आपूर्ति की जा चुकी है. हम पूरी तरह से समय पर हैं और हम अगले साल अप्रैल तक सभी 36 विमानों की आपूर्ति करने के लक्ष्य तक पहुंचने जा रहे हैं.'
लेनिन आज मुंबई पहुंचे फ्रांसीसी नौसेना के वायु रक्षा विध्वंसक 'शेवेलियर पॉल' की अपनी यात्रा के दौरान बोल रहे थे. फ्रांसीसी राजदूत ने कहा कि भारत और फ्रांस रक्षा के क्षेत्र में दशकों से सहयोग कर रहे हैं. लड़ाकू विमान पहले फ़्रांस में भारतीय वायु सेना को सौंपे जाते हैं और बाद में उन्हें भारत भेजा जाता है. पांच राफेल विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को भारत पहुंची थी.
मीडियापार्ट के खुलासे पर टिप्पणी से इनकार
भारत और फ्रांस ने 2016 में एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत पेरिस को नई दिल्ली को 36 राफेल लड़ाकू विमान देने हैं. इस विमान सौदे में विपक्ष गड़बड़ी के आरोप लगाता रहा है और इसे लेकर सरकार पर निशाना भी साधा जाता रहा है. फ्रांसीसी खोजी पत्रिका मीडियापार्ट ने नए दावे किए हैं कि कथित तौर पर फर्जी बिलों का इस्तेमाल किया गया था, जिसने फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन को भारत के साथ राफेल सौदे को अंतिम रूप देने में मदद करने के लिए एक बिचौलिए को कम से कम 75 लाख यूरो का गुप्त कमीशन देने में सक्षम बनाया. मीडियापार्ट द्वारा हाल ही में किए गए खुलासे के बारे में पूछे जाने पर, फ्रांसीसी दूत ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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