नई दिल्ली : पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर (Air quality forecast agency SAFAR) ने कहा है कि दिवाली की रात दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'गंभीर श्रेणी' में पहुंच सकती है. साथ ही उसके अगले दिन पीएम 2.5 प्रदूषण में 40 प्रतिशत तक हिस्सेदारी पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हो सकती है.
4-6 नवंबर के बीच 'बहुत खराब' श्रेणी
पटाखों से उत्सर्जन शून्य रहने की स्थिति में दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर के चार से छह नवंबर के बीच 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने का अनुमान है.
सफर ने कहा कि अगर उत्सर्जन, 2019 के पटाखों से संबंधित उत्सर्जन का 50 प्रतिशत भी रहा तो वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के चार नवंबर की रात से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने और इसके पांच नवंबर तक ऐसे ही बने रहने का अनुमान है.
प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान कम
सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि अक्टूबर में रिकॉर्ड बारिश और हवा की अनुकूल दिशा के कारण इस सीजन में अब तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान कम रहा है. हालांकि इसके पांच नवंबर तक 40 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है क्योंकि दिवाली के बाद हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर बदल सकती है.