कुल्लू : कई लोगों को बस का सफर करना अच्छा नहीं लगता लेकिन आज आपको एक ऐसे बस रूट के बारे में बताएंगे. जिसपर बस का सफर आपको ऐसे कुदरती नजारों का दीदार करवाएगा कि आप जिंदगी भर याद रखेंगे. कौन सी है वो बस सेवा और किराया, रूट और इसकी अन्य विशेषताएं आपको विस्तार से बताते हैं.
लेह-दिल्ली बस रूट-यही नाम है उस सड़क का जिसपर बस का सफर आपको जन्नत की सैर करवाएगा. लेह से दिल्ली के बीच चलने वाली बस एक बार फिर जून के पहले हफ्ते से चलना शुरू हो सकती है. दरअसल बर्फबारी के कारण मनाली से लेह तक की सड़क बर्फ की सफेद चादर तले ढक जाती है और इन कुछ महीनों के लिए ये बस मनाली से दिल्ली के बीच ही चलती है.
जून के पहले हफ्ते में फिर से शुरू हो सकती है दिल्ली-लेह बस सेवा बीते साल अक्टूबर 2022 में बर्फबारी के बाद लेह से मनाली के बीच सड़क बंद है और अब बीआरओ ने इस सड़क से बर्फ हटाने का काम लगभग पूरा कर लिया है. ऐसे में अनुमान है कि अगर मौसम ठीक रहा तो जून के पहले हफ्ते में बस एक बार फिर लेह से दिल्ली तक चलेगी. इससे पहले एक टीम बकायदा इस रूट पर बस का ट्रायल करेगी.
सफर में मिलेगा दिल्ली की गर्मी से लेकर हिमाचल की सर्दी का मजा वैसे तो दिल्ली से मनाली के बीच बस सेवा पिछले लंबे समय से चल रही है लेकिन लेह से दिल्ली तक की बस सेवा हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम की ओर से साल 2019 में शुरू की गई थी. पिछले साल 15 जून को दिल्ली-मनाली-लेह के लिए बस सेवा शुरू हुई थी. इस बार समय से पहले बस शुरू हो सकती है. एचआरटीसी केलांग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक अंशित शर्मा ने बताया कि अगर मौसम ने साथ दिया तो जून माह के पहले सप्ताह में ही निगम की बस सेवा शुरू कर दी जाएगी. वहीं, इस बस में ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी सैलानियो को प्रदान की जाएगी.
सफर एक, रंग अनेक- दिल्ली से लेह तक के इस सफर में ये बस 4 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरती है. इस सफर में मैदानों की झुलसाने वाली गर्मी भी मिलेगी और हिमाचल के कूल-कूल मौसम के साथ लेह की जमाने वाली सर्दी भी होगी. इस सफर पर आपको गर्मियों के साथ-साथ सर्दियों के कपड़े भी साथ रखने होंगे. इस सफर में कई उबड़ खाबड़ रास्तों से आपका सामना होगा तो सबसे आधुनिक अटल टनल का दीदार भी इस सफर के दौरान होगा.
दिल्ली से लेह के बीच चलती है HRTC की बस सफर का आकर्षण- लेह से मनाली के बीच जब ये बस गुजरेगी तो आप दुनिया की सबसे ऊंची मोटर रोड पर सफर कर रहे होंगे. अटल टनल भी दुनिया की सबसे ऊंची मोटर टनल है, ये करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है. मनाली-लेह हाइवे समुद्र तल से करीब 13 हजार से 17 हजार फीट की ऊंचाई के बीच गुजरती है. जो इसे दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित सड़कों में शुमार करता है. इस सफर पर सैलानियों को 16,500 फीट ऊंचे बारालाचा दर्रे, 15,547 फीट ऊंचे नाकुला दर्रे, 13480 फीट तंगलांग ला और 16,616 फीट ऊंचे लाचुंग ला दर्रे का दीदार होता है. यहां पर सैलानियों के लिए थोड़ी देर बस को रोका जाता है और सैलानी दर्रे पर फोटोग्राफी का मजा लेकर वापिस बस में सवार हो जाते हैं. इन सभी दर्रो पर गर्मियों के दौरान भी तापमान माइनस रहता है और बर्फीली हवाएं यहां पर सैलानियों का स्वागत करती हैं.
4 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों का सफर- दिल्ली से लेह तक का सफर 1026 किलोमीटर का है. इस सफर में दिल्ली जैसा महानगर भी है, मनाली और लेह जैसे टूरिस्थ स्पॉट भी हैं. दिल्ली जैसी भीड़भाड़ और लेह का सुकून आपको सफर में कई रंग दिखाएगा. दिल्ली से लेह तक का किराया भी मात्र 1740 रुपये है और ये सफर 30 घंटे में पूरा होता है. ये बस दिल्ली के आईएसबीटी से निकलने के बाद हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल और लेह तक पहुंचती है.
दिल्ली-लेह रूट में क्या है खास?. 3 ड्राइवर और 2 कंडक्टर- 1000 किमी. से ज्यादा लंबे इस सफर में 3 ड्राइवर और 2 कंडक्टर बदलते हैं. पहला ड्राइवर बस को दिल्ली से बिलासपुर पहुंचाता है और दूसरा ड्राइवर बिलासपुर से केलांग तक बस चलाता है. तीसरा ड्राइवर बस को मंजिल तक यानी लेह तक पहुंचाता है. इसी तरह बस का पहला कंडक्टर दिल्ली से मनाली तक अपनी जिम्मेदारी संभालता है और दूसरा कंडक्टर मनाली से लेह तक रहता है. 30 घंटे के इस सफर में जल पान से लेकर ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर तक के लिए बस हाइवे के पास बने ढाबों में परिवहन निगम के रेस्टोरेंट में रोकी जाती है. जहां आप इन राज्यों का जायका भी चख सकते हैं.
1740 रुपये के किराये में 1026 किलोमीटर का सफर बस का रूट और टाइमिंग- ये बस दिल्ली से निकल जीटी रोड के सहारे हरियाणा के पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला से होते हुए सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ पहुंचती है. यहां से बस पंजाब के रोपड़ से होते हुए हिमाचल में प्रवेश करती है और बिलासपुर पहुंचती है. इसके बाद सुंदरनगर और मंडी से होते हुए बस कुल्लू और मनाली पहुंचती है. इसके बाद ये बस अटल टनल से होते हुए हिमाचल का बर्फिस्तान कहे जाने वाले लाहौल स्पीति जिले में प्रवेश करती है और केलांग से होते हुए लेह पहुंचती है. मनाली और लेह तक के सफर में पर्यटकों को बर्फ की चादर बिछी मिलेगी.
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