नई दिल्ली : घरों में गैस लीक होने की वजह से हर साल हजारों लोगों की जान चली जाती है. इस समस्या का समाधान दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नगर सेक्टर-पांच में स्थित राजकीय बाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नंबर तीन के छात्रों ने एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम (Entrepreneurship Mindset Curriculum) बिजनेस ब्लास्टर के तहत एक ऐसा अलार्म तैयार किया है, जो कि गैस लीक होने पर अलार्म (Gas Leak Alarm) बज उठेगा. इससे गैस लीक होने की वजह से होने वाली दुर्घटना में कुछ हद तक कमी आएगी. वहीं, इसी को लेकर ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने इन छात्रों से बात की. उन्होंने बताया कि आए दिन गैस लीक (Gas Leak) होने की वजह से लोगों की जान जाने की खबर सुनते थे, इसको ध्यान में रखते हुए यह अलार्म बनाया है.
ईटीवी भारत (ETV Bharat) को छात्र ओम ने बताया कि एक सेंसर बनाया है, जोकि एलपीजी गैस लीक होने की स्थिति में अलार्म बजेगा. उन्होंने कहा कि गैस लीक होने की जानकारी समय पर नहीं मिलने की वजह से कई लोगों की हर वर्ष जान चली जाती है. साथ ही कहा कि इस तकनीक से गैस लीक के कारण होने वाली दुर्घटना को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी. इसके अलावा कहा कि आने वाले दिनों में अलार्म को मोबाइल ऐप से भी जोड़ने की योजना है जिससे कि घर के लोगों को गैस लीक होने की सूचना तुरंत मिल जाए.
घरों में गैस लीक होते ही बजने लगेगा अलार्म छात्र अमन ने कहा कि वह एक स्लम इलाके में रहते हैं. वहां पर अमूमन गैस लीक होने की घटना (Gas Leak Incident) की वजह से आए दिन दुर्घटना की सूचना मिलती है. उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में उपकरण बनाने के लिए सामान कई दिनों तक खोजबीन करने के बाद जाकर मिला. लेकिन इस दौरान भी कई चुनौतियां बनाने की प्रक्रिया में लगातार आ रही थीं.
छात्र प्रतीक ने कहा कि एक टीम के तहत काम कर रहे हैं, जिससे कि कभी किसी को कोई भी समस्या ना हो. हर किसी को उसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है वह जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है. उन्होंने कहा कि टीम का सदस्य जो भी कस्टमर लेकर आएगा उसे 10 परसेंट कमीशन भी दिया जाएगा. शेष 90 परसेंट टीम के सभी सदस्यों में बंट जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उपकरण को बनाने में लागत करीब 400 रुपए आई है और लगभग 600 रुपए में बेचने की योजना है.
हनुमान प्रसाद मीणा, कोऑर्डिनेटर, ईएमसी ने ईटीवी भारत को बताया कि जब बच्चों ने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया चो पहला मन में सवाल आया कि यह काम खतरे से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले बच्चों को अभिभावकों से इस तरह के प्रोडक्ट के बारे में बात करने के लिए कहा और अभिभावकों ने बच्चों को काम की स्वीकृति दे दी. साथ ही कहा कि बच्चे इस बात का पूरा ख्याल रख रहे हैं कि उनका इस दौरान पढ़ाई में किसी भी तरह का कोई नुकसान ना हो.
वहीं मेंटर टीचर चंदन झा ने कहा कि गैस ज्वलनशील है, लेकिन अत्यधिक ज्वलनशील नहीं है कि वह तुरंत आग पकड़ ले. उन्होंने कहा कि बच्चों ने जो उपकरण बनाया है वह गैस लीक होने के संकेत मिलने पर ही काम करना शुरू कर देगा. साथ ही कहा कि आग पकड़ने से पहले ही ध्यान आकर्षित कर देता है यही प्रोडक्ट का टैगलाइन भी है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस पाठ्यक्रम के जरिए बच्चों में उद्यमिता का कौशल विकसित किया जा रहा है, जिससे कि वह रोजगार मांगने की जगह दूसरों को रोजगार देने वाला बन सकें. वहीं प्रिंसिपल बीपी मीणा ने कहा कि बच्चों को जिस भी प्रकार की स्कूल से सहयोग की जरूरत होगी स्कूल बच्चों के साथ हर प्रकार का सहयोग देने के लिए तत्पर है.
छात्र ओम, अमन, निशांत, करण, यश, तुषार, लक्ष्मण, प्रतीक और सचिन ने एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम कोऑर्डिनेटर शिक्षक हनुमान प्रसाद मीणा, मेंटर शिक्षक चंदन झा, शिक्षक विजय कुमार, शिक्षक कुबूल मीना, शिक्षक काजल वासन और प्रिंसिपल बीपी मीना की देखरेख में तैयार किया है.
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