नई दिल्ली :लोकसभा में केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) बिल पारित हो गया है.
चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) बिल का विरोध करते हुए इन्हें संस्थाओं की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाला बताया और इन्हें वापस लेने की मांग की.
चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक के ए. राजा ने कहा कि सभी संवैधानिक मूल्यों को दरकिनार करके यह विधेयक लाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह संशोधन उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है और संसदीय व्यवस्था का मजाक है.
तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि विपक्षी नेताओं से जुड़े मामलों में सीबीआई का दुरुपयोग किया गया है. सरकारें आएंगी और जाएंगी, लेकिन सीबीआई को स्वायत्त बनाना चाहिए और इस पर किसी भी सरकार का नियंत्रण नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सारदा और नारद के मामले उठाए गए, लेकिन अदालत में कुछ साबित नहीं हुआ. अगर किसी ने अपराध किया है तो तय सीमा के भीतर सुनवाई पूरी क्यों नहीं हुई? सीबीआई यह करने में विफल रही है.
शिवसेना के विनायक राउत ने कहा कि एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई में एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक ने एक अभिनेता के पुत्र को गिरफ्तार कर पैसे की वूसली करने की कोशिश की. ऐसा कैसे चलेगा?
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं हो.
जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह ने कहा कि विपक्ष के कई नेता इन विधेयकों पर अपनी-अपनी पीड़ा को उजागर कर रहे है, लेकिन इन विधेयकों में ऐसा कुछ नहीं है जिसका विरोध किया जाए.
बीजू जनता दल (बीजद) के भर्तृहरि महताब ने संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले अध्यादेश लाए जाने को लेकर सवाल किया.