नई दिल्ली :कोरोना से अब तक जंग जीतने का अहसास जागने लगा था कि नई लहर ने सारी उम्मीदों पर मानों पानी फेर दिया, अब ये संक्रामक लहर कब और कैसे थमेगी...इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं. वायरस को रोकने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेसिंग इकलौता विकल्प है, लेकिन इसे लेकर देश में अपनाए जा रहे दोहरे मापदंडों ने इस सावधानी के प्रति लोगों को लापरवाह बना दिया. राजनीतिक आयोजनों में सारे नियम हाशिए पर रख दिए और आम जनता अकेले कार में भी मास्क लगाए घुमें, तो फिर सख्ती के प्रति असंतोष झलकना लाजमी है.
दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में जनता का ये रुख कोरोना के संक्रमण को पैर पसारने का मौका मुहैया करवा रहा है. अस्पताल से लेकर श्मशान, कब्रिस्तान तक अपनी बारी का इंतजार करते लोगों की ऐसी तस्वीर शायद ही किसी ने अपने जीवन में देखी होगी. रोते- चीखते परिजन आक्रोशित भी हैं और उतने ही बेबस भी...करें तो क्या करें...एक वायरस चंद दिनों में, उनकी जिदंगी भर का साथ देने का वादा चुरा ले गया...उम्मीदों को मौत की नींद में सुला गया....
फरवरी 2020 से शुरू हुआ कोरोना अप्रैल 2021 में इस कदर तबाही मचाएगा शायद ये बात किसी ने नहीं सोची. सरकारें भी पहली लहर पर काबू पा जाने के गुमान में थी और जनता भी वैक्सीन आ जाने के बाद सुकून में थी, लेकिन नई लहर ने इस माहौल में बनी लापरवाहियों के बीच अपनी ऐसी जगह बना ली कि अब रास्ता नहीं मिल रहा कि इससे कैसे बाहर निकला जाए.
देश की राजधानी के हाल पर लोग सकते में हैं. सिलसिलेवार तरीके से हम आपको पूरी दिल्ली की हालत बताएंगे. इसलिए नहीं कि आपको डराया जाए बल्कि इसलिए ताकि आप हकीकत से रूबरू हों, सावधानी बरतें. पहले कोरोना केस का आंकड़ा समझिए...
दिल्ली के लिए 'आफत' बनी अप्रैल
अकेले अप्रैल महीने में कोरोना के मामले लगातार तेजी से बढ़े. हालत ऐसी हो गई कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार को वीकेंड कर्फ्यू लगाना पड़ा. पाबंदियां और भी बढ़ाई जा सकती हैं. ये बातें खुद सीएम केजरीवाल ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही हैं. मतलब साफ है कि हालात नहीं सुधरे तो एक बार फिर दिल्ली 'लॉक' हो जाएगी.
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अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता
कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ते जा रहे हैं अस्पतालों में बेड्स की संख्या कम होती जा रही है. दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले बड़े-बड़े अस्पतालों में बेड्स गिनती के रह गए हैं. आंकड़े गवाह हैं कि जिस दिल्ली में बीते कुछ दिनों से रोजाना 15 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, वहां फिलहाल 5 हजार से कम बेड्स खाली हैं. ये हालत तब है जब बैंक्वेट हॉल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्कूलों में सरकार ने 875 बेड के आदेश दिए हैं. सीएम केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राधा स्वामी सत्संग में हम 2500 बेडस का इंतजाम कर रहे हैं.