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Delhi Service Bill : लोकसभा से पारित हुआ दिल्ली सेवा बिल, INDIA के सदस्यों ने किया बहिष्कार - opposition boycott lok sabha on voting

दिल्ली सर्विस बिल 2023 लोकसभा से पारित हो गया है. बिल ध्वनि मत से पारित किया गया. विपक्षी गठबंधन के दलों ने वोटिंग का बहिष्कार किया. हालांकि, उन्होंने बहस में हिस्सा लिया था.

Amit Shah
गृह मंत्री अमित शाह

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Published : Aug 3, 2023, 6:52 PM IST

Updated : Aug 3, 2023, 8:43 PM IST

नई दिल्ली : लगभाग पांच घंटे की चर्चा के बाद बुधवार को लोकसभा से दिल्ली सेवा बिल पास हो गया. बिल ध्वनिमत से पारित किया गया. वोटिंग से ठीक पहले विपक्षी दलों के नेताओं ने सदन का वॉकआउट कर दिया. इस बिल का गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया.

बिल का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा. शाह ने कहा कि दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा करने के लिए विपक्षी गठबंधन के सदस्य तैयार हो गए, इसका मतलब है कि उन्हें मणिपुर की चिंता नहीं है. शाह ने कहा कि अगर उन्हें मणिपुर मामले की थोड़ी भी फिक्र होती, तो वह पहले मणिपुर पर चर्चा करते और सरकार इसके लिए तैयार भी थी. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

शाह ने कहा कि दिल्ली सेवा बिल के जरिए विपक्षी दलों ने अपने एक साथी को बचाने का काम किया है. इसी मकसद से वे सब एकत्रित हुए हैं.

गृह मंत्री अमित शाह का जवाब - अपने गठबंधन को बचाने की चिंता है. आज पूरा देश देख रहा है आपके दोहरे चरित्र को. आपके लिए गठबंधन जरूरी है, देश हित नहीं. अगर आपके लिए देश महत्वपूर्ण होता तो अन्य बिल पर आपने बहस में हिस्सा क्यों नहीं लिया. दिल्ली संघ प्रदेश है, न कि राज्य. लेकिन आप लोग तो राज्य के अधिकार की बात कर रहे हैं. जब भी आप या हम सत्ता में आए, तो कभी भी झगड़ा नहीं हुआ. क्योंकि किसी ने अधिकार को छीनने का काम नहीं किया. लेकिन अभी तो कुछ और हो रहा है. इनके यहां बिना मंत्री के हस्ताक्षर के ही फाइल आगे बढ़ती थी, इसलिए हमें नया नियम बनाना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने जब फैसला सुनाया तो अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले विजिलेंस विभाग के अधिकारियों को बुलाना शुरू कर दिया. ऐसा क्यों किया, उनके सामने जनता की सेवा प्राथमिकता होनी चाहिए थी. ऐसा इसलिए उन्होंने किया, क्योंकि वह आबकारी घोटाले संबंधित फाइल को लेकर उसमें कुछ करना चाहते थे. विजिलेंस में कई अन्य फाइलें थीं. जैसे अवैध तरीके से केजरीवाल के बंगले संबंधित फाइल. पार्टी के प्रचार के लिए 90 करोड़ रु की जांच वाली फाइल. उन्होंने फीड बैक यूनिट का गठन कर दिया, यह गैर कानूनी खुफिया विभाग जैसी थी. इसकी जांच फाइल भी थी. दिल्ली विधानसभा ऐसा है जिसका सत्रावसान ही नहीं किया जाता है. वह आधे दिन का सत्र बुलाकर दूसरे को गाली दे देते हैं. आप लोग ऐसी व्यवस्था का समर्थन क्यों कर रहे हैं. आज जो सभी विपक्षी पार्टियां एकत्रित हुईं, सबका अपना स्वार्थ है. जेडीयू चारा घोटाले का मुद्दा उठाती थी, लेकिन आज उसी से समझौता कर लिया. कांग्रेस और कम्युनिस्ट केरल में झगड़ा करते हैं, लेकिन बेंगलुरु में इकट्ठा हो जाते हैं. ऐसी ही हाल प.बंगाल में आपलोग करते हैं.

गृह मंत्री ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों में सदन में नौ विधेयक पारित हुए लेकिन विपक्षी दल इन पर चर्चा में शामिल नहीं हुए। वे सभी विधेयक भी महत्वपूर्ण थे. लेकिन आज के विधेयक (दिल्ली सेवा विधेयक) पर सभी (विपक्षी दल) मौजूद हैं क्योंकि सवाल गठबंधन बचाने का है.' गृह मंत्री ने कहा, 'आज भारत आपके (विपक्ष) दोहरे चरित्र को देख रहा है और देखना भी चाहिए. आपके लिए जनता के विधेयक महत्वपूर्ण नहीं हैं। इनके गठबंधन से एक छोटी सी पार्टी भागकर नहीं चली जाए, इनके लिए इसका बड़ा महत्व है.' शाह ने कहा, 'इनको (विपक्षी दलों को) न ही लोकतंत्र की चिंता है, न देश की चिंता है और न जनता की चिंता है, इन लोगों को सिर्फ अपने गठबंधन की चिंता है, इसलिए ये सारे लोग यहां आए हैं.' उन्होंने कहा, 'विपक्ष का यह गठबंधन सत्ता के स्वार्थ के लिए बना है. कितने ही गठबंधन कर लो, अगले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही बनेंगे.'

विधेयक के उद्देश्य और कारणों में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 239 (क) (क) के उपबंधों के आशय और प्रयोजन को प्रभावी बनाने की दृष्टि से स्थानांतरण, तैनाती और सतर्कता और अन्य मुद्दों से संबंधित विषयों पर उपराज्यपाल को सिफारिश करने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली के गृह विभाग के प्रधान सचिव के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक स्थाई प्राधिकरण का गठन करने की बात है. इससे दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ केंद्रीय सरकार में निहित लोगों की इच्छाओं के प्रकटीकरण में राजधानी के प्रशासन में दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के हितों के साथ राष्ट्र के हितों का संतुलन होगा. इसके माध्यम से दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1991 में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है, इसमें उपराज्यपाल और मंत्री, पदों को परिभाषित करने का प्रावधान है. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शासन में लोकतांत्रिक और प्रशासनिक संतुलन बनाए रखने के संबंध में अधिनियम के नए भाग 4 क को अंत:स्थापित किया गया है.

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए लोक सेवा आयोग होगा. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र सरकार के कार्यों से संबंधित नियमों को बनाने के लिए केंद्र सरकार को सशक्त करने की बात कही गई है. इसमें राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करने पर अधिकारियों की शक्तियां और कार्य एवं इससे संबंधित अन्य मामलों का उल्लेख किया गया है.

क्या कहा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने.

बिल पर क्या कहा अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने.

आप सांसद मानसून सत्र से निलंबित.

Last Updated : Aug 3, 2023, 8:43 PM IST

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