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राज्यसभा में 131 वोटों के साथ पास हुआ दिल्ली सेवा बिल, विरोध में पड़े थे 102 वोट

दिल्ली सेवा बिल को राज्यसभा में बहुमत के साथ पास कर दिया गया. इसे लोकसभा में पहले ही पास किया जा चुका है. राज्यसभा में इस बिल के समर्थन में 131 वोट पड़े हैं, जबकि इसके विरोध में 102 वोट डाले गए.

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Published : Aug 7, 2023, 10:27 PM IST

Updated : Aug 7, 2023, 10:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सेवा बिल पर लंबे समय से चली आ रही लड़ाई सोमवार की रात समाप्त हो गई. जहां यह बिल लोकसभा में पहले ही पास कर दिया गया था, वहीं सोमवार को राज्यसभा में भी यह बिल बहुमत के साथ पास कर दिया गया. दिल्ली सेवा बिल को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई, लेकिन वोटिंग होने पर 131 के भारी बहुमत से इस बिल को राज्यसभा में पास किया गया. इस बिल के विरोध में विपक्ष के द्वारा 102 वोट पड़े.

उच्च सदन में सात घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. गृह मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस संबंध में पहले लागू अध्यादेश को अस्वीकार करने के कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के सांविधिक संकल्प को नामंजूर कर दिया. इसके साथ विपक्ष द्वारा पेश संशोधनों को भी नामंजूर कर दिया. चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में अधिकारियों के तबादले एवं तैनाती से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर लाये गये विधेयक का मकसद राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के हितों की रक्षा करना है, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के हितों को हथियाना नहीं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार दोपहर राज्यसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक' पेश किया. इस विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल लाने का उद्देश्य केवल और केवल दिल्ली में सुचारू रूप से भ्रष्टाचार विहीन शासन देना है. गृह मंत्री ने कहा कि इस बिल के एक भी प्रावधान से, पहले जो व्यवस्था थी, उसमें कोई बदलाव नहीं होगा. यह बिल सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं करता है.

उन्होंने कहा कि इस बिल से ट्रांसफर-पोस्टिंग की सेवाओं के अधिकारों का जो वर्णन किया गया है, प्रैक्टिस में यह सारे अधिकार ही चलते थे. उन्होंने कहा कि मदन लाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे. साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री और थोड़े समय के लिए सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं. शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं. लेकिन, किसी का केंद्र सरकार से झगड़ा नहीं हुआ. यह सब लोग विकास करना चाहते थे.

उन्होंने कहा कि उस समय भी कभी केंद्र में भाजपा और राज्य में कांग्रेस की सरकार या फिर केंद्र में कांग्रेस की सरकार और दिल्ली में भाजपा की सरकार रही. लेकिन, ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए झगड़ा नहीं हुआ. उस वक्त इसी व्यवस्था से निर्णय होते थे और किसी मुख्यमंत्री को कोई दिक्कत नहीं हुई. गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली कई मायनों में अन्य सभी राज्यों से अलग है क्योंकि यहां संसद भी है, संवैधानिक हस्तियां यहां विराजमान हैं.

विधेयक के उद्देश्य और कारणों में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 239 (क) (क) के उपबंधों के आशय और प्रयोजन को प्रभावी बनाने की दृष्टि से स्थानांतरण, तैनाती और सतर्कता और अन्य मुद्दों से संबंधित विषयों पर उपराज्यपाल को सिफारिश करने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली के गृह विभाग के प्रधान सचिव के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक स्थाई प्राधिकरण का गठन करने की बात है.

केजरीवाल ने आज दिन को बताया लोकतंत्र का काला दिन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस आज के दिन को भारत के जनतंत्र का काला दिन करार दिया. उन्होंने कहा कि आज राज्यसभा में दिल्ली को गुलाम बनाने वाला बिल पास कर दिया गया. ये बिल दिल्ली के लोगों को बेबस, असहाय बनाता है.

उन्होंने कहा कि आज आजादी के 75 साल बाद मोदी जी ने दिल्ली के लोगों की आजादी छीन ली. दिल्ली के लोगों के वोट की कोई कीमत नहीं बची है. सुप्रीम कोर्ट ने 8 अगस्त को कहा था कि भारत एक जनतंत्र है और इसमें जनता अपनी सरकार चुनती है और उस सरकार को जनता का काम करने के लिए पूरी ताकत होनी चाहिए.

राज्यसभा में पांच सदस्यों के नाम बिना सहमति के प्रस्ताव में डालने का उठा मुद्दा

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 को प्रवर समिति के पास भेजे जाने संबंधी आप सदस्य राघव चड्ढा के प्रस्ताव को लेकर सत्ता पक्ष के पांच सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में उनके नाम डाले गए और इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाए. उच्च सदन में जब दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 पर चर्चा पूरी हो गयी, तब उपसभापति हरिवंश ने इसे पारित करवाने के क्रम में विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए संशोधनों को रखवाना शुरू किया.

इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का प्रस्ताव आया, जिन्होंने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव था और इसमें समिति के सदस्यों के नाम भी थे. इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन के दो सदस्य कह रहे हैं कि उनके नाम उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में डाले गए और प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर नहीं है. अमित शाह ने कहा कि यह जांच का विषय है.

शाह ने कहा कि यह मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीपने का नहीं है. यह सदन के अंदर फर्जीपने का मामला है. उन्होंने दोनों सदस्यों के बयान दर्ज करवा कर इस मामले की जांच करवाने के लिए कहा. बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि प्रवर समिति में उनका नाम रखने के लिए उनसे सम्मति नहीं ली गयी थी. उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार हनन का मामला है.

इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि चार-पांच सदस्यों ने कहा है कि उन्होंने समिति में अपना नाम नहीं भेजा है और इसकी जांच की जाएगी. अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने कहा कि उन्होंने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजे जाने की फिर मांग की.

दिल्ली विधेयक चर्चा में एमडीएमके ने किया विरोध

विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए एमडीएमके नेता वाइको ने विधेयक का विरोध किया और इसे अलोकतांत्रिक बताया. चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आरोप लगाया कि दिल्ली की आप सरकार योजनाओं को लागू करने के बदले उनके विज्ञापन पर अधिक जोर देती है. उन्होंने 2014 में आप नेताओं द्वारा किए गए प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए हुए पार्टी का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ हुआ था, लेकिन उसकी रवैया बदल गया. उन्होंने आप को अराजकतावादी करार दिया.

पुरी ने कहा कि दिल्ली में आयुष्मान भारत सहित कई केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं किया गया और कहा गया कि दिल्ली में विश्वस्तरीय मुहल्ला क्लीनिक हैं. पुरी ने दावा किया कि इन मुहल्ला क्लीनिक की स्थिति बहुत खराब है. भाजपा के भुवनेश्वर कालिता ने कहा कि दिल्ली की स्थिति अलग है और यह पूर्ण राज्य नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार की दिलचस्पी लोगों के कल्याण में नहीं है. समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान और झामुमो की महुआ माझी ने विधेयक का विरोध करते हुए इसे अलोकतांत्रिक बताया.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 7, 2023, 10:56 PM IST

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