नई दिल्ली :दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे (Delhi Riots) से जुड़े एक मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा (Asif Iqbal Tanha) और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता (Devangan Kalita) और नताशा नरवाल (Natasha Narwal) को तत्काल जेल से रिहा करने का बृहस्पतिवार को ओदश दिया.
दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के इन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने के दो दिन बाद अदालत ने यह आदेश दिया. इन्हें पिछले साल फरवरी में दंगों से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था. इन्हें उनके पते और जमानतदारों से जुड़ी जानकारी पूर्ण ना होने का हवाला देते हुए समय पर जेल से रिहा नहीं किया गया था.
740 गवाहों की खत्म होने तक जेल में नहीं रखा जा सकता
पिछले 15 जून को हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को नियमित जमानत दी थी. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अजय जयराम भांभानी की बेंच ने नियमित जमानत देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इस मामले में 740 गवाह हैं. इन गवाहों में स्वतंत्र गवाहों के अलावा, सुरक्षित गवाह, पुलिस गवाह इत्यादि शामिल हैं.
ऐसे में इन आरोपियों को इन 740 गवाहों की गवाही खत्म होने तक जेल के अंदर नहीं रखा जा सकता है. कोर्ट ने कहा था कि कोरोना के वर्तमान समय में जब कोर्ट का प्रभावी काम बिल्कुल ठप हो गया है. कोर्ट क्या उस समय तक का इंतजार करे जब तक कि आरोपियों के मामले का जल्दी ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है.
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