नई दिल्ली:दिल्ली में प्रदूषण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. दिल्ली की हवा लगातार जहरीली हो रही है. इस जहरीली हवा से दिल्लीवासियों को राहत पहुंचाने के लिए आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने एक अनूठा उपाय सुझाव दिया है. आईआईटी कानपुर ने 'कृत्रिम बारिश' का उपयोग कर दिल्ली और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने की बातें कही है. अग्रवाल आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर हैं.
कैसे की जाएगी कृत्रिम बारिश:ETV भारत से बात करते हुए प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि इस परियोजना को तैयार करने में कुल 5 वर्षों की मेहनत लगी है. उन्होंने बताया, "बादलों के नीचे विमान उड़ाने की व्यवस्था के माध्यम से बादलों में नमक के मिश्रण का छिड़काव किया जाता है और जब नमक का प्रत्येक कण बादल के अंदर चला जाता है, तब उससे संघनन होता है. जिसके बाद बारिश होती है."
विमान के पंखों में कुछ संशोधन किए गए थे (जो आईआईटी कानपुर के पास हैं और बादलों में नमक बचाने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे). बादलों में उसे हमें अमेरिका से आयात करना पड़ा. उस बीच कोविड भी आ गया. इस परियोजना में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) सहित कई अनुमोदन प्राप्त करना भी आवश्यक होता है. आईआईटी-कानपुर के पास एक विमान है और हमने इसके पंखों में कुछ संशोधन किए हैं ताकि बादलों में नमक का छिड़काव किया जा सके. विमान के पंखों में संशोधन के लिए डीजीसीए की मंजूरी की आवश्यकता होती है और हमें इसकी मंजूरी मिल गई है.