नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर 15 साल पहले टीवी जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया. जबकि अजय सेठी को हत्या का दोषी नहीं माना. दोषी करार दिए गए सभी आरोपियों का अंजाम क्या होगा? इसके लिए अब केवल 7 दिन रह गए हैं. सौम्या के परिवार वालों से ज्यादा आने वाले 26 अक्टूबर का इंतजार दिल्ली पुलिस कर रही है. कोर्ट इस दिन आरोपियों को क्या सजा सुनाती है, यह पुलिस के लिए काफी अहम है.
दरअसल, सनसनीखेज मामले में आरोपी को पकड़कर जेल में डालना, कोर्ट में पेश करना, जितना महत्वपूर्ण होता है, उससे ज्यादा पुलिस के लिए दोषियों को कठिन सजा दिलाना उनकी जांच, मेहनत और उनके सूझबूझ पर असर डालता है. क्योंकि चावला गैंगरेप मर्डर के अलावा एक दो और ऐसे मामले हैं, जिसमें कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच पर, उनके द्वारा दिए गए साक्ष्य पर सवाल उठाया और आरोपी बरी हो गया.
खास बात यह है, कोर्ट ने सभी पांचों आरोपियों को मकोका के तहत भी एक साथ दोषी ठहराया है. गिरफ्तार किए गए आरोपी बलजीत सिंह, अजय कुमार, अमित शुक्ला और रवि कपूर ने लूटने के इरादे से गोली चलाई थी, जिसमें सौम्या विश्वनाथन की मौत हो गई थी. जबकि पांचवां आरोपी अजय सेठी को आईपीसी की धारा 411 के तहत चुराई गई संपत्ति को बेईमानी से हासिल करने के लिए दोषी माना गया. कोर्ट ने 261 पन्नों के जजमेंट में कहा कि पांचों आरोपी अपनी जीविका के लिए गैंग बनाकर क्रिमिनल एक्टिविटी पर ही डिपेंड थे.
बता दें, वारदात के समय जिला के तत्कालीन डीसीपी एच जी एस धालीवाल जो अभी स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी के पोस्ट पर तैनात हैं, उनकी भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की टीम ने इस केस में न सिर्फ मेहनत की, बल्कि दोषियों को सजा तक पहुंचाने के लिए हर एक सबूत को इकट्ठा किया और उसको कोर्ट के सामने मजबूती के साथ रखा. हत्या के मामले में किसी भी तरह का कोई कमी नहीं हो, इसके लिए पूरी कोशिश की गई है.
गौरतलब है कि सौम्या विश्वनाथन की हत्या करीब 15 साल पहले 30 सितंबर 2008 में हुई थी. जानकारी के अनुसार, ऑफिस से घर लौटते समय तड़के 3:25 बजे उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कोर्ट ने चार लोगों को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है.