नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस के गवाहों के झूठ बोलने पर फटकार लगाई है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि एक पुलिसकर्मी तीन दंगाइयों को पहचानता है, जबकि दूसरा उन्हें पहचानने से इनकार कर देता है. यह काफी दुखद स्थिति है.
कोर्ट ने इस मामले में उत्तर-पूर्वी जिले के डीसीपी से रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने ये आदेश उस समय दिया है, जब उसने दिल्ली हिंसा के एक मामले में अभियोजन पक्ष के चार गवाहों का परीक्षण किया. एक हेड कांस्टेबल ने तीन आरोपियों विशाल कश्यप, गोलू कश्यप और रिंकू सब्जी वाले की पहचान की. हेड कांस्टेबल अभियोजन पक्ष का गवाह है. हेड कांस्टेबल ने कहा कि वह 2019 से बीट अफसर है और वह तीनों आरोपियों के नाम और पेशे के बारे में जानता है.
दूसरी तरफ अभियोजन पक्ष के एक दूसरे गवाह, एक एएसआई ने तीनों गवाहों को पहचानने से इनकार कर दिया. उसने कोर्ट से कहा कि उसने तीन आरोपियों को खोजने की कोशिश की, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो सकी.