नई दिल्ली: नए संसद भवन की तरफ मार्च के दौरान हिरासत में लिए पहलवानों को पुलिस ने छोड़ दिया है. कालकाजी थाने से विनेश फोगाट, संगीता फोगाट और साक्षी मलिक को छोड़ दिया गया है. हालांकि, पहलवान बजरंग पुनिया समेत कई पहलवान अभी भी थाने के अंदर डिटेन किए गए हैं. इसके साथ ही साक्षी मलिक ने ऐलान कर दिया है कि पुलिस की गिरफ्त से निकलकर हम फिर जंतर-मंतर पर बैठेंगे. फिर से न्याय की मांग तेज होगी.
वहीं, दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर हुई घटना के संबंध में प्रदर्शन आयोजकों सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 147, 149, 186, 188, 332, 353, पीडीपीपी अधिनियम की धारा 3 के तहत दर्ज की गई है.
भारी फोर्स तैनातःसाक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा कि हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर-मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे. इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा. हालांकि, जंतर-मंतर पर रविरार दोपहर दिल्ली पुलिस ने पहलवानों का सामान हटा दिया है. यहां भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दिए गए हैं.
बता दें, जंतर-मंतर से हिरासत में लिए गए साक्षी मलिक उनके पति और अन्य पहलवानों को बुराड़ी के निजी फार्म हाउस में बनाई गई अस्थाई जेल में रखा गया था. शाम करीब 5:30 बजे साक्षी मलिक और दूसरे कई पहलवानों को मेडिकल जांच के लिए भी कराया गया था. सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली पुलिस ने कई जगहों पर इस तरह की अस्थाई जेल बनाई थी और अलग-अलग जगहों पर पहलवानों को रखा गया था.
किसानों ने भी धरना खत्म कियाःवहीं, दिल्ली यूपी बॉर्डर पर किसानों ने भी अपना धरना खत्म कर दिया है. किसानों के वापस लौटते ही दिल्ली ने यूपी बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेडिंग को हटा लिया है. दिल्ली मेरठ हाईवे पर अब यातायात की आवाजाही सामान्य हो गई है. साथ ही दिल्ली मेरठ हाईवे के सर्विस लाइन को भी गाजीपुर बॉर्डर के पास से खोल दिया गया है.
साक्षी मलिक ने किया ऐलान.
बता दें, दिल्ली मेरठ के गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान रविवार सुबह से पहुंच गए थे. किसान नेता राकेश टिकैत भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और उन्होंने जंतर-मंतर पर धरना पर बैठे पहलवानों के आह्वान पर बुलाई गई महिला सम्मान महापंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली पुलिस ने जाने से मना कर दिया. जिसके बाद सभी किसान गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठ गए. शाम तकरीबन 7:00 बजे किसानों ने धरना खत्म करने का ऐलान किया और वह वापस लौटने लगे.
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